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कोरोना: बिहार में झोला छाप डॉक्टरों को ट्रेनिंग देकर भी मदद नहीं ले रही है सरकार
BBC
बिहार के ग्रामीण इलाक़ों में कोविड संक्रमण के फैलने के साथ ही ग्रामीण चिकित्सकों ने लोगों का इलाज करना शुरू कर दिया है. ये लोग गाँवों में डॉक्टरों की कमी पूरी कर रहे हैं.
बिहार में भोजपुर ज़िले के शहर कोइलवर में सुबोध कुमार की छोटी सी डिस्पेंसरी है. आजकल यह रात भर खुली रहती है. वह कहते हैं, "मैं अपना मोबाइल फ़ोन कभी बंद नहीं रखता. बिहार के तमाम ग्रामीण चिकित्सिकों में सुबोध कुमार भी शामिल हैं. कोई भी मेडिकल ज़रूरत पड़ने पर लोग इन्हीं ग्रामीण चिकित्सकों के पास पहुँचते हैं." पिछले साल कोइलवर में कोरोना के 41 केस सामने आए थे. उस वक़्त सारे मरीज़ सुबोध कुमार जैसे ग्रामीण चिकित्सकों के पास ही पहुँचे थे क्योंकि यहाँ सर्टिफ़ाइड डॉक्टर हमेशा उपलब्ध नहीं रहता. सुबोध बताते हैं, "मैं मरीज़ों से लक्षण पूछता. अगर कुछ समझ नहीं आता तो अपने परिचित डॉक्टरों को फ़ोन कर इसके बारे में जानकारी लेता." वह कहते हैं, "इस बार कोरोना से पिछले 20 दिनों में ही क़रीब 100 लोगों की मौत हो चुकी है."More Related News