
कोरोना: प्रयागराज के एक अस्पताल में पढ़ा चुके डॉक्टर ने कैसे बेबसी में तोड़ा दम
BBC
प्रयागराज के एक डॉक्टर दंपती की ऐसी कहानी, जिसमें दर्द है, बेबसी है और कोरोना की भयावह स्थिति का नज़ारा है.
"इलाहाबाद शहर के जिस स्वरूपरानी अस्पताल में पाँच दशक तक मेरे पति ने लोगों का इलाज किया और जिनके पढ़ाए हुए तमाम डॉक्टर इसी अस्पताल में हों, उन्हें इस कोविड बीमारी की वजह से एक डॉक्टर तक देखने वाला न मिला और मेरे सामने उन्होंने दम तोड़ दिया. डॉक्टर होने के बावजूद, मैं ख़ुद उनकी कोई मदद न कर सकी." प्रयागराज की नामी डॉक्टर रमा मिश्रा फ़ोन पर यह बताते हुए रो पड़ती हैं. उनकी बेबसी सिर्फ़ इसी बात को लेकर नहीं है कि उनके पति ने उनकी आँखों के सामने अस्पताल की कथित लापरवाही, डॉक्टरों और कर्मचारियों की उपेक्षा और संसाधनों के अभाव में दम तोड़ दिया, बल्कि इसलिए भी है कि उन चार रातों में उन्होंने इसी तरह दम तोड़ते हुए दर्जनों लोगों को देखा. कोरोनाः एक सप्ताह में कैसे बद से बदतर हो गए राजस्थान के हालात कोरोना: लखनऊ में हालात कैसे हो गए बेक़ाबू, कहाँ हुई चूक 80 वर्षीया डॉक्टर रमा मिश्रा प्रयागराज की चर्चित महिला रोग विशेषज्ञ हैं और इलाहाबाद (अब प्रयागराज) के मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में प्रोफ़ेसर रही हैं. स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल इसी मेडिकल कॉलेज से संबद्ध है. उनके पति डॉक्टर जेके मिश्रा और वो दोनों ही लोग पिछले हफ़्ते कोरोना संक्रमित होने के बाद स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल में भर्ती हुए थे.More Related News