
कोरोना ने गांवों में 'पांव पसारे' लेकिन अभी भी टीके को लेकर ग्रामीण उदासीन, दे रहे 'अजीब' तर्क..
NDTV India
वैक्सीन को लेकर जागरूकता का अभाव और कोविन पर रजिस्ट्रेशन की तकनीकी जानकारी न होने के चलते भी ग्रामीण इलाकों में वैक्सीनेशन की प्रक्रिया सुस्त है. ग्रामीण की मांग है कि जैसे वोट के लिए गांव-गांव बूथ लगते हैं, वैक्सीन भी वैसे ही लगाई जाए.
कोरोना संक्रमण ने अब गांवों में भी 'पैर पसार' लिए हैं. कोरोना की दूसरी लहर में अब गांव के लोगों की भी बड़े पैमाने पर मौत हो रही है लेकिन इसके बावजूद ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोग बहुत कम वैक्सीन लगवा रहे हैं.ग्रेटर नोएडा के बिसरख गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में आसपास के गांव और लोगों के सहूलियत के लिए वैक्सीनेशन सेंटर बनाया गया है, लेकिन आसपास के ग्रामीण यहां वैक्सीन लगवाने बहुत कम ही आते हैं. करीब 20 किमी दूर गाजियाबाद से आकाश और उनकी पत्नी सौम्या सक्सेना वैक्सीन लगवाने के लिए बिसरख गांव के सेंटर पहुंचे हैं. इससे पहले उन्होंने बिसरख गांव का नाम भी नहीं सुना था लेकिन कोविन वेबसाइट पर बिसरख PHC का स्लॉट उनको आसानी से मिल गया. गाजियाबाद निवासी आकाश कहते हैं, 'हम करीब 18 किमी दूर से यहां वैक्सीन लगवाने के लिए आए हैं. दूसरी जगह वैक्सीन के स्लॉट मिल ही नहीं रहा था. इससे पहले कभी बिसरख नाम नहीं सुना था. दूसरी ओर, बिसरख, जलालपुर, सैनी, पतवाड़ी, खैरपुर, गुज्जर जैसे दर्जनों गांवों में कोरोना से बीमारी और मौत के बावजूद ग्रामीण वैक्सीन लगवाने नहीं आ रहे हैं. खुद बिसरख प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के इंचार्ज इसे स्वीकार कर रहे हैं. इस बाबत उन्होंने एक पत्र लिखकर गौतमबुद्ध नगर के प्रशासन को जानकारी भी भेजी गई है.More Related News