
कोरोना टीकाकरण अभियान के छह महीने, पिछड़ क्यों रहा है भारत?
BBC
16 जनवरी से अब तक भारत में लोगों को वैक्सीन की 38.76 करोड़ डोज़ लगाई गई है.
भारत को दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू किए छह महीने पूरे हो गए हैं, लेकिन जितनों को वैक्सीन देने की बात थी, अब तक उस आबादी के क़रीब पांच प्रतिशत लोगों को ही वैक्सीन मिल पाई है. फिलहाल भारत एक दिन में 40 लाख लोगों का टीकाकरण कर रहा है, लेकिन साल के आख़िर तक टीकाकरण का लक्ष्य पूरा करने के लिए सरकार को हर दिन में 80 से 90 लाख लोगों को वैक्सीन देनी होगी. जनवरी में एक आशाजनक शुरुआत के बावजूद टीकाकरण अभियान हाल के महीनों में धीमा पड़ा है, जिसकी वजह वैक्सीन की सप्लाई का कम होना और नई वैक्सीन के इस्तेमाल को मंज़ूरी मिलने में देरी होना है. ज़्यादातर देश, जिनमें अधिकतर विकासशील देश शामिल हैं, वो कोरोना वैक्सीन हासिल करने के लिए जूझ रहे हैं. लेकिन टीकाकरण अभियान की शुरूआत में ऐसा बिल्कुल नहीं लग रहा था कि दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन निर्माता, भारत भी इस तरह की चुनौती का सामना कर सकता है. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने वैक्सीन निर्माताओं को वक्त से पहले ऑर्डर नहीं दिया. अप्रैल में आई कोरोना की दूसरी घातक लहर की वजह से उन्हें अपने अभियान का दायरा जल्दी ही पूरी व्यस्क आबादी के लिए बढ़ाना पड़ा. ये संख्या क़रीब एक अरब है.More Related News