कोरोना: 'जब हम संक्रमित परिवारों को खाना पहुँचाते हैं, तो वो हाथ जोड़ शुक्रिया कहते हैं"
BBC
कोरोना महामारी के बीच कई लोगों के लिए बीमारी के साथ-साथ खाने-पीने की भी चुनौती खड़ी हो गई है. महाराष्ट्र में कुछ युवाओं ने ऐसे ही लोगों की मदद के लिए क़दम बढ़ाया.
"कई मरीज़ गांव के इलाकों से आए हैं, कई मामलों में तो पूरा परिवार कोरोना से संक्रमित है. उन्हें खाना खिलाने वाला कोई नहीं है. इसलिए जब हम उन्हें टिफ़िन देते हैं, वो हाथ जोड़कर हमें शुक्रिया कहते हैं. हमें संतुष्ति मिलती है कि हम समाज के लिए कुछ अच्छा कर रहे हैं." अक्षय मोरे अपनी पहल के बारे में बात करते हुए ये कहते हैं. वो कोरोना संक्रमित मरीज़ों और बूढ़े लोगों को नासिक में मुफ़्त में खाना पहुंचा रहे हैं. कोरोना वायरस की दूसरी लहर पहले से अधिक ख़तरनाक है. संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है. कुछ मामलों में परिवार से सभी सदस्य संक्रमित हैं. इसलिए अक्षय समेत कई युवा महाराष्ट्र के कई इलाकों में ज़रूरतमंदों को फ़्री टिफ़िन सर्विस दे रहे हैं. पुणे में आकांक्षा सादेकर और मुंबई में बालचंद्र जाधव ने भी ऐसी ही पहल शुरू की है. अक्षय, आकांक्षा और बालचंद्र अलग-अलग शहरों में काम कर रहे हैं, लेकिन उनकी कोशिश एक ही है- ज़रूरतमंद लोगों तक खाना पहुंचाना. अक्षय एक दवा कंपनी के मार्केटिंग विभाग में काम करते हैं. नासिक में जब कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ने लगी तो कई मरीज़ों के लिए खाने का इंतज़ाम मुश्किल हो गया.More Related News