कोरोना जब क़हर बरपा रहा था तब मोदी सरकार सीएए का प्रचार कर रही थी: बीबीसी पड़ताल
BBC
कोरोना काल में मोदी सरकार ने आयुष्मान भारत बीमा योजना के विज्ञापन से कहीं ज़्यादा ख़र्च सीएए, एनआरसी और कृषि क़ानूनों से जुड़े विज्ञापनों पर किया. बीबीसी की ख़ास पड़ताल.
कोरोना महामारी के दौर में मोदी सरकार ने महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना (पीएमजेएवाई) के प्रचार पर जितना ख़र्च किया उससे कहीं अधिक ख़र्च नागरिकता संशोधन क़ानून, नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर और कृषि क़ानूनों जैसे विवादित क़ानूनों से जुड़े विज्ञापनों पर किया. भारत में बेहतर इलाज के लिए ग़रीबों को आर्थिक मदद देने के लिए आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की शुरुआत हुई थी. साल 2020 में कोविड-19 महामारी का असर झेल रहे लोगों के लिए इसके दायरे को बढ़ाया गया था. बीबीसी ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) का इस्तेमाल करते हुए कोरोना महामारी के दौर में विज्ञापन के ख़र्च में मोदी सरकार की प्राथमिकताओं को समझने की कोशिश की. आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक़ अप्रैल 2020 से लेकर जनवरी 2021 के बीच मोदी सरकार ने विज्ञापनों पर कुल 212 करोड़ रुपये खर्च किए हैं.More Related News