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कोरोना को लेकर पैदा हो रहे डर का आपके दिमाग़ पर असर
BBC
कोरोना को लेकर विचलित करने वालीं कई तरह की ख़बरें और सूचनाएं सामने आ रही हैं
अस्पतालों के बाहर लोगों की चीख़-पुकार, ऑक्सीजन की कमी, रोते परिजन और जलती लाशें, आजकल ये दृश्य मीडिया और सोशल मीडिया पर बहुत आम हो गए हैं. पिछले कई दिनों से हम लगातार इन ख़बरों को सुन और देख रहे हैं. लेकिन, ये सूचनाएं सिर्फ़ सूचनाओं की तरह नहीं बल्कि डर बनकर भी हमारे दिमाग़ में जा रही हैं. इस डर के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले असर पर अब चर्चा शुरू हो गई है. एथिक्स एंड मेडिकल रिजस्ट्रेशन बोर्ड के अध्यक्ष बीएन गंगाधर सहित मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े अन्य डॉक्टरों ने एक खुला पत्र लिखकर ये मसला उठाया है. 28 अप्रैल को लिखे गए इस पत्र में मीडिया कवरेज में दिखाए जाने वाले मरीज़ों, अस्पतालों और श्मशान घाटों के विज़ुअल के मानसिक स्वास्थ्य पर असर को लेकर आगाह किया गया है. पत्र लिखने वालों में निमहंस में मनोचिकित्सा विभाग की प्रमुख प्रोफ़ेसर प्रतिमा मूर्ति, इंडियन साइकाइट्री सोसाइटी के अध्यक्ष गौतम साहा और एम्स में मनोविज्ञान के प्रोफ़ेसर राजेश सागर भी शामिल हैं.More Related News