कोरोना: कैसी है अस्पतालों में बेड्स की व्यवस्था, जानें क्या है पुणे, लखनऊ, अहमदाबाद की ज़मीनी हक़ीकत
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कोरोना की दूसरी लहर लोगों पर कहर बनकर टूट रही है. देश में अचानक कोरोना पॉजिटिव लोगों की संख्या बढ़ गई है. इस वजह से अस्पतालों में बेड कम पड़ रहे हैं. आजतक ने पुणे, लखनऊ और अहमदाबाद जैसे शहरों में ज़मीनी हक़ीकत जानने की कोशिश की.
कोरोना की दूसरी लहर लोगों पर कहर बनकर टूट रही है. देश में अचानक कोरोना पॉजिटिव लोगों की संख्या बढ़ गई है. इस वजह से अस्पतालों में बेड कम पड़ रहे हैं. आजतक ने पुणे, लखनऊ और अहमदाबाद जैसे शहरों में ज़मीनी हक़ीकत जानने की कोशिश की. पुणे में 120 बेड पर हो रहा 155 का इलाज देश में कोरोना के सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में ही सामने आ रहे हैं. महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना फैलने से रोकने के लिए कड़े नियम भी बनाए हैं लेकिन अस्पतालों में बेड की कमी एक बड़ी समस्या बनी हुई है. पुणे महानगरपालिका के नायडू अस्पताल में डॉक्टर श्री. पाटसुते ने कहा कि शहर में कोरोना का पहला मरीज मिलने के समय से वह सेवा दे रहे हैं. लेकिन पिछले 15 दिनों में मरीजों की संख्या बढ़ी है. फिलहाल अस्पताल में 120 बेड है और हम 155 मरीजों का उपचार कर रहे हैं. इन 120 बेड्स में 25 आईसीयू और 11 वेंटिलेटर बेड हैं. शहर में पिछले 15 दिनों से प्रतिदिन 4 हजार के करीब लोग कोरोना पॉजिटिव पाए जा रहे हैं, इतना ही नहीं प्रति दिन औसतन 25 से ज़्यादा मरीजों की मौत कोरोना से हो रही है. औंध ज़िला अस्पताल में डिप्टी सर्जन डोईफोडे ने बताया कि हमारे अस्पताल में 85 बेड में से 15 वेंटिलेटर बेड है.मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
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