कोरोना के डबल म्यूटेंट और नए वेरिएंट का संकट कई राज्यों में बढ़ा, जानिए क्या हैं इसके खतरे
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कोरोना की इस ताजा लहर में कई तथ्य ऐसे हैं, जो डराने वाले हैं. इनमें सबसे अहम है भारत में कोरोना के डबल म्यूटेंट और वेरिएंट का पाया जाना. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बीते दिन ही बताया था कि भारत में कोरोना के नए वेरिएंट मिल गए हैं, कुछ राज्यों में इसके मामले काफी अधिक पाए गए हैं.
कोरोना वायरस का खतरा एक बार फिर देश में बढ़ गया है. करीब पांच महीने के बाद भारत में एक दिन में 50 हजार से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं, जो फिर से 2020 के उस संकट भरे वक्त की याद दिलाते हैं. कोरोना की इस ताजा लहर में कई तथ्य ऐसे हैं, जो डराने वाले हैं. इनमें सबसे अहम है भारत में कोरोना के डबल म्यूटेंट और वेरिएंट का पाया जाना. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बीते दिन ही बताया था कि भारत में कोरोना के नए वेरिएंट मिल गए हैं, कुछ राज्यों में इसके मामले काफी अधिक पाए गए हैं. कोरोना के ये नए वेरिएंट देश में कहां मिले हैं और ये कितने खतरनाक हो सकते हैं, पूरा मामला समझें...देश में कोरोना के कौन-से वेरिएंट मिले हैं? केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को एक प्रेस रिलीज़ जारी की, जिसमें जीनोम स्किवेंसिंग के आदार पर देश की दस लैब से जो रिजल्ट सामने आया उसे बताया गया. इसके अनुसार भारत में कोरोना वायरस के तीन नए वेरिएंट मिले हैं, जो कि कोरोना का यूके वेरिएंट, साउथ अफ्रीका वेरिएंट और ब्राजीलियन वेरिएंट है. हालांकि, इन वेरिएंट से अभी ये सिद्ध नहीं हो पाया है कि क्या देश में अचानक बढ़े कोरोना के केस के पीछे यही मुख्य कारण हैं. लेकिन देश की लैब लगातार इस बिंदु पर भी मंथन कर रही हैं. नए वेरिएंट के कितने देश देश में? कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ने सरकार को फिर संकट में खड़ा कर दिया है. मौजूदा वक्त में देश में कुल 771 मामले कोरोना के नए वेरिएंट से जुड़े हैं. अलग-अलग लैब में करीब दस हजार पॉजिटिव सैंपल की जांच की गई, जिनमें से 771 मामले नए वेरिएंट वाले मिले हैं. इनमें सबसे अधिक यूके वेरिएंट के केस हैं, जिनकी संख्या 736 है. जबकि साउथ अफ्रीकन वेरिएंट के 34 और ब्राजीलियन वेरिएंट का 1 केस सामने आया है.किन राज्यों में सबसे अधिक संकट? ऐसा नहीं है कि पूरे देश में ही कोरोना के नए वेरिएंट पाए गए हैं. लेकिन चिंता की बात ये है कि जिन चिन्हित राज्यों में ये मामले मिले हैं, वहां की संख्या काफी अधिक है. पंजाब में कोरोना के यूके वेरिएंट से सबसे अधिक मामले दर्ज हुए हैं, यहां कुल 336 केस मिले हैं. जबकि तेलंगाना, दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात में भी यूके वेरिएंट के केस मिले हैं. इनके अलावा तेलंगाना, महाराष्ट्र, दिल्ली, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में साउथ अफ्रीकी वेरिएंट के भी केस मिले हैं. जो एक ब्राजीलियन वेरिएंट का केस मिला है, वो भी महाराष्ट्र में पाया गया है. कितने खतरनाक हैं कोरोना के ये वेरिएंट? भारत में जो अबतक कोरोना वायरस के मामले सामने आए थे, वो SARS-CoV-2 वेरिएंट के थे. लेकिन जो दो नए म्यूटेंट वेरिएंट मिले हैं उनका नाम E484Q and L452R है. जो यूके से संबंधित हैं. दिसंबर 2020 के बाद से ही महाराष्ट्र में इससे संबंधित केस बढ़े हैं, जिसका जिक्र स्टडी में भी किया गया है. जानकारी के मुताबिक, इस तरह के म्यूटेंट इम्युन सिस्टम को कमजोर करते हैं और संक्रमण को फैलाते हैं. करीब 20 फीसदी मामलों में ये दो म्यूटेंट ही पाए गए हैं, यही कारण है कि चिंता बढ़ रही है. सरकार ने इन मामलों को काबू में पाने के लिए फिर से टेस्ट-ट्रैक और ट्रीट की नीति अपनाने का निर्देश दिया है.सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह रही कि खींवसर को तीन क्षेत्रों में बांटकर देखा जाता है और थली क्षेत्र को हनुमान बेनीवाल का गढ़ कहा जाता है. इसी थली क्षेत्र में कनिका बेनीवाल इस बार पीछे रह गईं और यही उनकी हार की बड़ी वजह बनी. आरएलपी से चुनाव भले ही कनिका बेनीवाल लड़ रही थीं लेकिन चेहरा हनुमान बेनीवाल ही थे.
देश का सबसे तेज न्यूज चैनल 'आजतक' राजधानी के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में तीन दिवसीय 'साहित्य आजतक' महोत्सव आयोजित कर रहा है. इसी कार्यक्रम में ये पुरस्कार दिए गए. समारोह में वरिष्ठ लेखकों और उदीयमान प्रतिभाओं को उनकी कृतियों पर अन्य 7 श्रेणियों में 'आजतक साहित्य जागृति सम्मान' से सम्मानित किया गया.
आज शाम की ताजा खबर (Aaj Ki Taza Khabar), 23 नवंबर 2024 की खबरें और समाचार: खबरों के लिहाज से शनिवार का दिन काफी अहम रहा है. महाराष्ट्र में नतीजे आने के बाद सूत्रों की मानें तो एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पर पर अपना दावा ठोका है. सीएम योगी ने यूपी उपचुनाव के नतीजों को पीएम मोदी के नेतृत्व की जीत बताया है.
हिंदी साहित्य के विमर्श के दौरान आने वाले संकट और चुनौतियों को समझने और जानने की कोशिश की जाती है. हिंदी साहित्य में बड़े मामले, संकट और चुनने वाली चुनौतियाँ इन विमर्शों में निकली हैं. महत्वपूर्ण विचारकों और बुद्धिजीवियों ने अपने विचार व्यक्त किए हैं. हिंदी साहित्यकार चन्द्रकला त्रिपाठी ने कहा कि आज का विकास संवेदन की कमी से ज्यादा नजर आ रहा है. उन्होंने कहा कि व्यक्ति प्रेम के लिए वस्तुओं की तरफ झूक रहा है, लेकिन व्यक्ति के प्रति संवेदना दिखाता कम है. त्रिपाठी ने साहित्यकारों के सामने मौजूद बड़े संकट की चर्चा की. ये सभी महत्वपूर्ण छोटी-बड़ी बातों का केंद्र बनती हैं जो हमें सोचने पर मजबूर करती हैं.