कोरोना की दूसरी लहर का अर्थव्यवस्था पर असर लंबा रहने की आशंका, लेकिन ऐसे निकल सकता है रास्ता
ABP News
मूडीज एनालिटिक्स के अनुसार इस साल वैश्विक जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 5 से 5.5 प्रतिशत रहेगी. यह 3 प्रतिशत की संभावित वृद्धि दर से ज्यादा है.
कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर का भारतीय अर्थव्यवस्था पर ज्यादा समय तक प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिल सकता है और एक बार फिर निर्यात पुनरूद्धार का आधार बनेगा. मूडीज एनालिटिक्स ने सोमवार को यह कहा. ‘एपीएसी आर्थिक परिदृश्य: डेल्टा बाधा’ शीर्षक से जारी रिपोर्ट में मूडीज एनालिटिक्स ने कहा कि सामाजिक दूरी का चालू तिमाही पर असर हो रहा है लेकिन साल के अंत तक आर्थिक पुनरूद्धार फिर से शुरू हो जाएगा. रिपोर्ट के अनुसार कोविड-19 का डेल्टा किस्म अब एशिया-प्रशांत (एपीएसी) क्षेत्र की अर्थव्यवस्थाओं पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले कारकों में से एक है, लेकिन इस क्षेत्र में आवाजाही को लेकर प्रतिबंधों का जो असर है, वह पिछले साल की दूसरी तिमाही में आर्थिक नरमी जितनी गंभीर नहीं होगा.More Related News