कोरोना की तीसरी लहर या किसी और महामारी के लिए भारत कितना है तैयार?
BBC
वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना कोई अंतिम महामारी नहीं है, आने वाली महामारियों से लड़ने का इंतज़ाम ज़रूरी है.
भारत में पिछले 14 महीनों में एक अदृश्य दुश्मन ने दो लाख से अधिक लोगों को मार डाला है और दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को बेबस कर दिया है. महामारी ने सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली को बेदम कर दिया है. लोग भयभीत और असुरक्षित हैं, ये राष्ट्र की सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण और गंभीर मामला है, क्योंकि ये शत्रु अब भी हर रोज़ घातक हमले किए जा रहा है. भारत के पाकिस्तान के साथ तीन बड़े युद्ध हुए और चीन के साथ एक. पिछले दो दशकों में भारत पर कई घातक चरमपंथी हमले हुए जिनमें सैकड़ों देशवासियों की जानें गईं. अब तक हुए छोटे-बड़े सभी युद्धों और चरमपंथी हमलों को मिलाकर भी इतने लोग नहीं मरे या अर्थव्यवस्था को इतनी क्षति नहीं पहुंची जितनी इस अदृश्य दुश्मन से पहुँच रही है और गंभीर बात ये है कि यह सब कुछ अभी थमा नहीं है. ज़रा ग़ौर कीजिये, साल 2020-21 में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय का बजट तकरीबन 65 हज़ार करोड़ रुपए था, जबकि रक्षा का बजट चार लाख 71 हज़ार करोड़ रुपये से थोड़ा ज़्यादा.More Related News