'कोरोना काल में PM ने 8400 करोड़ का जहाज खरीदा', CM आवास में 45 करोड़ खर्च के आरोप पर AAP का पलटवार
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मुख्यमंत्री आवास के सौंदर्यीकरण में 45 करोड़ रुपये खर्च कराने को लेकर अरविंद केजरीवाल पर बीजेपी हमलावर है. आम आदमी पार्टी ने अब बीजेपी पर पलटवार करते हुए कहा कि जब कोरोना से लाशें बिछ रही थीं, उस समय प्रधानमंत्री 8400 करोड़ रुपये का जहाज खरीद रहे थे.
बीजेपी और कांग्रेस ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के सौंदर्यीकरण पर 45 करोड़ रुपये खर्च करने का आरोप लगाया है. बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने केजरीवाल को महाराज बताते हुए कहा कि राजा भी उनकी विलासिता के आगे झुकेंगे. AAP सांसद संजय सिंह ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए कहा कि जब देश में कोरोना से लाशें बिछ रही थीं, उस समय प्रधानमंत्री ने 8400 करोड़ रुपये का जहाज खरीदा था.
संजय सिंह ने कहा, "कोरोना में जब श्मशान में लाशें बिछी हुईं थीं तब प्रधानमंत्री बंगाल में प्रचार कर रहे थे. फकीर प्रधानमंत्री ने 8400 करोड़ रुपए का जहाज महामारी के दौरान खरीदा था. प्रधानमंत्री एक दिन में कई कपड़े बदलते हैं, शहंशाह आलम की तरह रहते हैं. BJP प्रवक्ता संबित पात्रा PM से कहें कि कोरोना समय में हजारों करोड़ का जहाज खरीदने के लिए माफ़ी मागें."
वहीं आम आदमी पार्टी ने अडानी मुद्दे पर बीजेपी को घेरते हुए कहा कि अडानी को कोयले की खदान, सी पोर्ट से लेकर सारी संपत्ति एक आदमी को क्यों दी जारी है? इस पर कोई चर्चा नहीं है. मुख्यमंत्री के घर को विषय बनाकर BJP असल मुद्दों से भटका रही है.
संबित पात्रा पर तंज कसते हुए संजय सिंह ने कहा कि बीजेपी प्रवक्ता इतने व्याकुल हो गए कि बस रोने ही वाले थे. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का घर एक एकड़ और LG का घर 6 एकड़ में है. 80 साल पुराना घर PWD ने तोड़कर बनाया. इसे बनाने में 30 करोड़ खर्च हुए, जबकि LG का घर मरम्मत करने में 15 करोड़ रुपए खर्च हुए. वहीं प्रधानमंत्री का घर 500 करोड़ रुपए में बन रहा है. प्रधानमंत्री की करोड़ों कार, जहाज, लाखों के पैन पर चर्चा करनी चाहिए.
संबित पात्रा ने क्या आरोप लगाया?
पात्रा ने अरविंद केजरीवाल को 'महाराज' बताते हुए उनकी आलोचना की और कहा कि राजा भी केजरीवाल के आवास में विलासिता और आराम की लालसा के लिए उनके आगे झुकेंगे. उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने मीडिया घरानों को इस स्टोरी को उजागर नहीं करने के लिए 20 से 50 करोड़ रुपये तक की पेशकश की, लेकिन समाचार चैनलों ने इस प्रस्ताव को नजरअंदाज कर दिया.
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