कोरोना काल में जान गंवाने वाले 67 पत्रकारों के परिवारों को आर्थिक मदद, केंद्र की मंजूरी
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कोरोना से जुड़ी खबरें आमजन तक पहुंचाने का काम करने वाले कई पत्रकारों का भी इस दौरान निधन हुआ है. इन्हीं में से 67 पत्रकारों के परिवार को केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक मदद देने का फैसला किया गया है.
कोरोना संकट काल में लाखों लोगों ने अपनी जान गंवाई है. कोरोना से जुड़ी खबरें आमजन तक पहुंचाने का काम करने वाले कई पत्रकारों का भी इस दौरान निधन हुआ है. इन्हीं में से 67 पत्रकारों के परिवार को केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक मदद देने का फैसला किया गया है. सरकार द्वारा जानकारी दी गई है कि साल 2020, 2021 में कोरोना के कारण जिन पत्रकारों की जान चली गई है, उनके बारे में जानकारी एकत्रित की गई है. अब उनके परिवारों को केंद्र सरकार की ओर से 5-5 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जा रही है. सरकार की ओर से इस वित्तीय वर्ष में कुल 26 पत्रकारों के परिवारों को ये मदद दी गई है, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में 41 पत्रकारों के परिवारों को ये मदद पहुंचाई गई थी. प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) की ओर से इन पत्रकारों के परिवार की डिटेल निकाली गईं, जिसके बाद आर्थिक मदद क्लेम करने के लिए उन्हें गाइड किया गया. आर्थिक मदद पास करने वाली कमेटी अब हर हफ्ते बैठक करेगी, ताकि जिन पत्रकारों के परिवार की ओर से आर्थिक मदद की अपील आ रही हैं, उन्हें क्लियर किया जा सके. गौरतलब है कि कोरोना संकट काल को भारत में करीब दो साल होने को हैं, अबतक तीन लाख से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. कोरोना काल में पत्रकारों की ओर से लगातार फील्ड पर काम किया गया, यही कारण था कि कई राज्य सरकारों ने वैक्सीनेशन के वक्त पत्रकारों को फ्रंटलाइन वर्कर्स का दर्जा दिया था.मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
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