कोरोना: कई राज्यों में घटी संक्रमण की रफ्तार, लेकिन मौत के आंकड़े अब भी डरावने
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देश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते नजर आ रहे हैं. कुछ राज्यों में मामले कम जरूर हुए हैं लेकिन मौत के आंकड़े अब भी डराने वाले ही हैं. लगातार तीसरे दिन 24 घंटे में 4 लाख से ज्यादा मामले सामने आए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, बीते 24 घंटे में 4,01,078 मामले सामने आए हैं.
कोरोना वायरस महामारी का प्रकोप देशभर में जारी है. लॉकडाउन और वीकेंड कर्फ्यू के बाद भी कोरोना का कहर थमता नजर नहीं आ रहा है. देश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते नजर आ रहे हैं. कुछ राज्यों में मामले कम जरूर हुए हैं लेकिन मौत के आंकड़े अब भी डराने वाले ही हैं. देश में लगातार तीसरे दिन 24 घंटे में 4 लाख से ज्यादा मामले सामने आए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, बीते 24 घंटे में 4,01,078 मामले सामने आए हैं. इससे पहले 5 मई को 4.12 लाख और 6 मई को 4.14 लाख से ज्यादा संक्रमित मिले थे. इसके अलावा एक डराने वाला आंकड़ा ये भी है कि देश में पिछले 24 घंटे में पहली बार रिकॉर्ड 4,187 मरीजों की जान गई है. राहत की बात रही कि 3,18,609 मरीज ठीक भी हुए.सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह रही कि खींवसर को तीन क्षेत्रों में बांटकर देखा जाता है और थली क्षेत्र को हनुमान बेनीवाल का गढ़ कहा जाता है. इसी थली क्षेत्र में कनिका बेनीवाल इस बार पीछे रह गईं और यही उनकी हार की बड़ी वजह बनी. आरएलपी से चुनाव भले ही कनिका बेनीवाल लड़ रही थीं लेकिन चेहरा हनुमान बेनीवाल ही थे.
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हिंदी साहित्य के विमर्श के दौरान आने वाले संकट और चुनौतियों को समझने और जानने की कोशिश की जाती है. हिंदी साहित्य में बड़े मामले, संकट और चुनने वाली चुनौतियाँ इन विमर्शों में निकली हैं. महत्वपूर्ण विचारकों और बुद्धिजीवियों ने अपने विचार व्यक्त किए हैं. हिंदी साहित्यकार चन्द्रकला त्रिपाठी ने कहा कि आज का विकास संवेदन की कमी से ज्यादा नजर आ रहा है. उन्होंने कहा कि व्यक्ति प्रेम के लिए वस्तुओं की तरफ झूक रहा है, लेकिन व्यक्ति के प्रति संवेदना दिखाता कम है. त्रिपाठी ने साहित्यकारों के सामने मौजूद बड़े संकट की चर्चा की. ये सभी महत्वपूर्ण छोटी-बड़ी बातों का केंद्र बनती हैं जो हमें सोचने पर मजबूर करती हैं.