कोरोनाः वैक्सीन लगवाने में महिलाएं क्यों हैं पीछे
BBC
सरकारी आँकड़े बताते हैं कि केरल और छत्तीसगढ़ में जहाँ महिलाएं वैक्सीन लगवाने में आगे रही हैं, वहीं कई राज्यों में वे अभी पीछे छूटी हुई हैं.
दिल्ली के सुंदरनगर की रहने वाली निशा पार्लर में काम करती हैं. लॉकडाउन की वजह से पति की नौकरी जाती रही और वो जैसे-तैसे पार्लर में काम करके घर का गुज़ारा चला रही हैं. निशा ने कोरोना की वैक्सीन लगवाने के लिए एक पहचान वाली महिला की मदद ली. वो एक एनजीओ में काम करती हैं. वैक्सीन के लिए अस्पताल में स्लॉट भी मिल गया लेकिन उन दिनों घर में शादी थी. निशा कहती हैं, "पार्लर का काम भी जरूरी था क्योंकि घर चलाना है और लॉकडाउन के कारण पार्लर में कभी-कभी ही महिलाएं आती हैं, ऐसे में काम न करो तो पार्लर की मालकिन भी नाराज़ हो जाती. और फिर घर में शादी थी. मुझे डर लग रहा था क्योंकि मैंने सुना था कि वैक्सीन लगवाने से कमज़ोरी होती है, दर्द भी होता है और बुखार भी आता है." "वैक्सीन लगवाना भी ज़रूरी था लेकिन अगर मैं बीमार पड़ जाती तो न पार्लर का काम नहीं कर पाती और न ही घर में शादी का कामकाज. घर वाले भी ताना देते कि जब घर में शादी थी तो वैक्सीन लगवाना क्या जरूरी था. इसलिए मैंने वैक्सीन का ख़्याल छोड़ दिया. हालांकि मेरे पति वैक्सीन लगवा चुके हैं." लेकिन कमलेश वैक्सीन न लगवाने का दूसरा कारण बताती हैं.More Related News