
कोरोनाः राजस्थान के हालात एक सप्ताह में कैसे बद से बदतर हो गए
BBC
राजस्थान में कोरोना संक्रमण का एक साल बीतने के बाद जैसे-तैसे पटरी पर आ रही ज़िन्दगी के पहिये फिर थम गए हैं.
राजस्थान में कोरोना संक्रमण का एक साल बीतने के बाद जैसे-तैसे पटरी पर आ रही ज़िन्दगी के पहिये फिर थम गए हैं. इन दिनों अस्पतालों में बेड लगभग फ़ुल हो चुके हैं. संक्रमित मरीज़ों की संख्या बेहद तेज़ी से बढ़ रही है, राज्य में बीते एक सप्ताह में हालात तेज़ी से बिगड़े हैं. डॉक्टर्स भी कोरोना की दूसरी लहर को भयावह बता रहे हैं. राज्यभर में कर्फ्यू लगा दिया गया है और बाज़ार समेत सभी सार्वजनिक स्थान बंद करा दिए गए हैं. सड़कें सुनसान और अस्पतालों में मरीज़ों की कतारें नज़र आ रही हैं. राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (आरयूएचएस) के कोविड इंचार्ज डॉक्टर अजीत शेखावत कोरोना की दूसरी लहर से संक्रमित हो रहे मरीज़ों पर बात करते हुए बताते हैं कि 'पहले से ज़्यादा संख्या में मरीज़ आ रहे हैं. आरयूएचएस में क़रीब 80 फीसदी बेड फ़ुल हो चुके हैं. जिस तरह से लगातार मरीज़ों की संख्या बढ़ रही है, यह पैनिक वाली स्थिति है. कोरोना संक्रमित मरीज़ों में अब युवाओं की संख्या ज़्यादा है.' व्यवस्थाओं और स्टाफ़ को लेकर डॉक्टर शेखावत कहते हैं, "सुविधाओं के लिए सभी पुख्ता इंतज़ाम हैं लेकिन बेड लगभग फुल हो चुके हैं. स्टाफ़ के लिए हमने सरकार को लिखा है, अब डॉक्टर्स भी आ रहे हैं और नर्सिंग स्टाफ़ भी."More Related News