'कोई भी राज्य नहीं चाहेगा कि वहां पश्चिम बंगाल का मॉडल अपनाया जाए', संसद में क्यों बोले गृह मंत्री अमित शाह?
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संसद के चालू मॉनसून सत्र के दौरान लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान वामपंथी उग्रवाद का मुद्दा उठा. इससे जुड़े एक सवाल पर अमित शाह ने कहा- मैं मानता हूं कि कोई भी राज्य नहीं चाहेगा कि वहां पश्चिम बंगाल का मॉडल अपनाया जाए.
लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान वामपंथी उग्रवाद को लेकर सदस्य सवाल कर रहे थे. गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय सवालों के जवाब दे रहे थे. इसी दौरान पश्चिम बंगाल के दमदम से तृणमूल कांग्रेस के सांसद प्रोफेसर सौगत रॉय ने एक सवाल करते हुए पश्चिम बंगाल का उदाहरण दे दिया. प्रोफेसर रॉय के सवाल पर गृह मंत्री अमित शाह खुद खड़े हुए और मुस्कुराते हुए जवाब में कहा, "मैं मानता हूं कि कोई भी राज्य नहीं चाहेगा कि वहां पश्चिम बंगाल का मॉडल अपनाया जाए."
दरअसल, टीएमसी सांसद प्रोफेसर सौगत रॉय ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद की समस्या पिछले 10-15 साल में चार-पांच राज्यों में रही है. सबसे ज्यादा छत्तीसगढ़, उसके बाद महाराष्ट्र के गढ़चिरौली, ओडिशा के कोल्हापुर और उसके बाद आंध्र प्रदेश. उन्होंने कहा कि अभी भी हम देखते हैं कि हर हफ्ते एनकाउंटर हुआ माओवादियों के साथ. बंद नहीं हुआ.
सौगत रॉय ने पश्चिम बंगाल का जिक्र करते हुए कहा कि वहां भी वामपंथी उग्रवाद हुआ. वहां ममता बनर्जी की सरकार ने जो विकास के काम कराए और जनजातीय लड़कों को नौकरी देने का जो काम किया, वहां केवल एक किशनजी को मारना पड़ा और वामपंथी उग्रवाद बंद हो गया. स्पीकर ओम बिरला ने प्रोफेसर रॉय को टोकते हुए पूछा कि सवाल क्या है आपका?
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टीएमसी सांसद ने कहा गृह मंत्रीजी से पूछना चाहता हूं कि क्या वे पश्चिम बंगाल के मॉडल का अध्ययन करेंगे और वही मॉडल छत्तीसगढ़ और दूसरे राज्यों में लागू करेंगे. क्योंकि ये लोग कंट्रोल नहीं कर पा रहे हैं. इसके जवाब में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कोई भी राज्य अच्छा करे, उसके उदाहरण को पूरे देश में लागू करने में नरेंद्र मोदी सरकार को कोई तकलीफ नहीं है. परंतु मैं यह मानता हूं कि कोई भी राज्य ये नहीं चाहेगा कि पश्चिम बंगाल का मॉडल वहां अपनाया जाए.
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