कोई गांधी विरोधी, किसी को फिदेल कास्त्रो पसंद... संसद में घुसपैठ करने वाले आरोपियों की सोशल मीडिया प्रोफाइल से क्या पता चलता है?
AajTak
संसद की सुरक्षा में सेंधमारी करने वाले आरोपियों की सोशल मीडिया प्रोफाइल का एनालिसिस करने पर पता चलता है कि कुछ लोग भगवान श्रीकृष्ण को अपना आदर्श मानते हैं तो कुछ भगत सिंह, आंबेडकर और फिदेल कास्त्रो के फॉलोअर हैं तो कुछ महात्मा गांधी और नेहरू के विचारों का मजाक उड़ाते हैं.
संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान बुधवार को हुई सुरक्षा में चूक के मामले में गिरफ्तार आरोपियों को सात दिन की रिमांड पर भेज दिया गया है. आरोपियों का कहना है कि वो बेरोजगारी और देश की बाकी दूसरी समस्याओं से परेशान थे.
सागर और मनोरंजन को विजिटर्स गैलरी से कूदने के बाद लोकसभा चैम्बर से ही गिरफ्तार कर लिया गया था. जबकि, नीलम और अमोल को संसद भवन के बाहर से गिरफ्तार किया गया था. पुलिस ने विशाल नाम के आरोपी को भी गिरफ्तार किया है, जिसके यहां गुरुग्राम में ये आरोपी ठहरे हुए थे. जबकि, इस पूरी घटना का मास्टरमाइंड माना जा रहा ललित झा अब भी फरार है. ललित मूल रूप से बिहार का है, लेकिन वो कोलकाता में रहता है.
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इन सभी आरोपियों के खिलाफ आतंकवाद विरोधी कानून यूएपीए समेत आईपीसी की कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया है.
इंडिया टुडे ओपन सोर्स इंटेलिजेंस टीम (OSINT) ने जब इन गिरफ्तार आरोपियों की ऑनलाइन गतिविधियों का एनालिसिस किया, तो पता चला कि ये क्रातिंकारी स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह से काफी प्रभावित थे.
वैचारिक झुकाव...
नीलम रानोलिया ने सोशल मीडिया पर खुद को सामाजिक कार्यकर्ता बताया है. उनकी सोशल मीडिया प्रोफाइल देखकर पता चलता है कि वो संविधान निर्माता डॉ. बीआर आंबेडकर की कट्टर फॉलोअर हैं.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.