'कोई आसमान नहीं टूट पड़ेगा...', तीस्ता सीतलवाड़ को SC से राहत नहीं, जमानत पर अब बड़ी बेंच करेगी सुनवाई
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सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को सुप्रीम कोर्ट से भी कोई राहत नहीं मिली है. गुजरात हाईकोर्ट के सरेंडर किए जाने के आदेश के खिलाफ शनिवार को ही सुप्रीम कोर्ट पहुंची थीं. यहां दो जजों की बेंच ने सुनवाई की और फिर मामले को बड़ी बेंच के लिए भेज दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर मामले की सुनवाई मंगलवार को हुई तो आसमान नहीं गिरने वाला.
गुजरात हाईकोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद तीस्ता सीतलवाड़ को सुप्रीम कोर्ट से भी फिलहाल कोई राहत नहीं मिली है. सुप्रीम कोर्ट के जजों ने मामले को बड़ी बेंच को भेजा दिया है. मामले की सुनवाई कर रहे दोनों जज इस बात पर सहमत नहीं हो पाए कि राहत दी जाए या नहीं, इसलिए मामले को बड़ी बेंच के पास भेज दिया गया. उचित पीठ के गठन के लिए मामला सीजेआई के समक्ष रखा जाएगा.
शाम साढ़े छह बजे हुई सुनवाई 2002 के गोधरा दंगों के मामले में तत्कालीन गुजरात सरकार के उच्च पदाधिकारियों को फंसाने के लिए कथित रूप से फर्जी दस्तावेज तैयार करने के आरोप में दर्ज एक मामले में गुजरात हाईकोर्ट ने कार्यर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत खारिज दी थी. गुजरात हाईकोर्ट से राहत न मिलने के बाद उन्होंने राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. असल में गुजरात हाई कोर्ट ने उन्हें तुरंत सरेंडर करने को कहा था. खबर आई कि सुप्रीम कोर्ट में मामले की तत्काल सुनवाई होनी है और सुनवाई के लिए शाम साढ़े छह बजे का समय तय किया गया था.
हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ पहुंची थीं सुप्रीम कोर्ट जानकारी के मुताबिक, तीस्ता सीतलवाड़ गुजरात हाईकोर्ट के सरेंडर किए जाने के आदेश के खिलाफ शनिवार को ही सुप्रीम कोर्ट पहुंच गईं. शाम को ही खबर आई कि तीस्ता मामले में शाम को तत्काल सुनवाई हो सकती है. इसके बाद सुनवाई का समय 6:30 बजे सामने आया. मामले की सुनवाई जस्टिस ए एस ओक और प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच ने की. इस दौरान वकील सी यू सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के पुराने फैसलों और आदेश का हवाला देते हुए राहत की गुहार लगाई, वहीं, गुजरात सरकार की वकील ने भी अपनी दलील दी. कोर्ट ने कहा कि हमें आदेश को देखना पढ़ना होगा. सोमवार को भी सुनवाई हो जाए तो क्या होगा? तीस्ता के वकील ने कहा कि उन्हें आत्म समर्पण करना होगा और उनकी गिरफ्तारी होगी.
आसमान नहीं गिरने वालाः सुप्रीम कोर्ट इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, अगर मामले की सुनवाई मंगलवार को हुई तो आसमान नहीं गिरने वाला. उन्होंने कहा कि वह नौ महीने से जमानत पर थीं. अगले 72 घंटे में क्या होगा? कोर्ट ने कहा कि, इस अदालत ने उन्हें अंतरिम जमानत पर रिहा करके अंतरिम सुरक्षा प्रदान की.
सुप्रीम कोर्ट के दोनों जजों की राय रही अलग-अलग तीस्ता की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में दोनों जजों की राय अलग रही. मामले को सीजेआई के पास भेजा गया और तीन जजों की बेंच का गठन करने को कहा गया. सुप्रीम कोर्ट ने तीस्ता के मामले में सुनवाई करते हुए इस बाबत सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को आदेश दिया है. पीठ ने कहा कि मामले को चीफ जस्टिस के पास तुरंत भेजा जाए ताकि इस मामले में चीफ जस्टिस तीन जजो की बेंच का गठन कर सके और इस मामले की सुनवाई की जाए.
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान गुजरात सरकार ने कहा कि तीस्ता ने गवाहों और सबूतों से छेड़छाड़ की. गुजरात सरकार ने कहा कि तीस्ता ने सभी संस्थानों को धोखा दिया और लोगों को बदनाम किया. तीस्ता ने न्यायिक प्रकिया को गलत जानकारी देकर गुमराह किया है. तुषार मेहता ने कहा कि तीन जजों की बेंच ने कहा था कि तीस्ता ने गवाहों को सिखाया है.
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