कैलाश विजयवर्गीय ने छिपाया बंगाल का रेप केस? छत्तीसगढ़ केस में भी फरार घोषित... चुनावी शपथ पत्र पर सवाल
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MP Assembly Election 2023: अब इंदौर-1 सीट से विधानसभा उम्मीदवार कैलाश विजयवर्गीय ने नामांकन दाखिल करने के दौरान शपथ पत्र में अपने ऊपर चल रहे 5 मामलों का तो उल्लेख किया, लेकिन पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ के मामलों की जानकारी नहीं दी गई.
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव और विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-1 के प्रत्याशी कैलाश विजयवर्गीय के मुसीबतें कम नहीं हो रही हैं. चुनावी नामांकन दाखिल करने के दौरान बीजेपी प्रत्याशी कैलाश ने अपने ऊपर चल रहे दो प्रकरणों का उल्लेख नहीं किया. एक पश्चिम बंगाल में लगा रेप केस और दूसरा छत्तीसगढ़ में दर्ज हुए केस में फरारी का मामला. अब कांग्रेस उनको घेरने की तैयारी करती नजर आ रही है.
दरअसल, पश्चिम बंगाल के भाजपा प्रभारी रहे कैलाश विजयवर्गीय पर एक महिला ने दुष्कर्म, अमानत में खयानत सहित अन्य गंभीर धाराओं में केस दर्ज करवाया था. कोर्ट के आदेश पर अलीपुर थाने में दर्ज इस मुकदमे के खिलाफ आरोपी विजयवर्गीय ने हाईकोर्ट में अपील की थी. मगर अपील खारिज हो गई थी. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई गई, लेकिन शीर्ष कोर्ट ने भी निचली अदालत को फिर से आदेश पर विचार करने के निर्देश दे दिए. मतलब केस अभी लंबित है.
अब इंदौर-1 सीट से विधानसभा उम्मीदवार कैलाश विजयवर्गीय ने नामांकन दाखिल करने के दौरान शपथ पत्र में अपने ऊपर चल रहे 5 मामलों का तो उल्लेख किया, लेकिन पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ के मामलों की जानकारी नहीं दी गई. नामांकन फॉर्म निरस्त करने की मांग
इंदौर विधानसभा क्रमांक-1 से कांग्रेस उम्मीदवार संजय शुक्ला के प्रस्तावक दीपू यादव, वकील रविंद्र सिंह छाबड़ा ने भाजपा प्रत्याशी कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ छत्तीसगढ़ के दुर्ग से फरार मामले में आपत्ति दर्ज करवाई गई. कांग्रेस प्रत्याशी संजय शुक्ला की ओर से उनके अधिवक्ता ने कलेक्टर कार्यलय पहुंचकर चुनाव निर्वाचन आयोग में भाजपा के प्रत्याशी कैलाश विजयवर्गीय का नामांकन फॉर्म निरस्त करने के लिए एक शिकायत दर्ज करवाई है. कांग्रेस के पक्षधर अधिवक्ता सौरभ मिश्रा ने बताया कि इंदौर विधानसभा-1 के भाजपा प्रत्याशी कैलाश विजयवर्गीय ने अपने नामांकन फार्म भरते समय अपने ऊपर बंगाल में दुष्कर्म का मामला दर्ज और दुर्ग में एक अन्य मामला दर्ज होने की जानकारी चुनाव निर्वाचन आयोग में फॉर्म में भरते समय नहीं दी है. दो मामलों को छिपाया गया. इस मामले में शिकायत निर्वाचन आयोग से की गई है.
सुप्रीम कोर्ट से भी नहीं मिली राहत, मामला है लंबित: कांग्रेस पक्षधर अधिवक्ता
अधिवक्ता ने कहा, कैलाश विजयवर्गीय ने पश्चिम बंगाल के मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक पिटीशन लगाई थी. इसमें उनको राहत नहीं दी गई थी और सुप्रीम कोर्ट में भी इस मामले में पुनः विचार के लिए कहा था. मतलब वह केस आज भी पेंडिंग है और कैलाश विजयवर्गीय को भी भली भांति जानकारी थी. उसके बावजूद कैलाश विजयवर्गीय ने अपने चुनावी शपथ पत्र में उस केस का जिक्र नहीं किया.
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