कैग ने ऑडिट रिपोर्ट में बताईं गड़बड़ बायोमेट्रिक्स, डुप्लीकेशन जैसी आधार व्यवस्था की ख़ामियां
The Wire
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) की पहली ऑडिट रिपोर्ट में इसकी डी-डुप्लीकेशन प्रक्रिया में समस्याएं चिह्नित की हैं. इस ऑडिट रिपोर्ट में 2014-2015 से 2018-2019 के बीच यूआईडीएआई के कामकाज की जांच की गई.
नई दिल्लीः नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने एक रिपोर्ट में आधार कार्ड जारी करने वाली सरकारी निकाय की खामियों को उजागर किया है.
कैग ने भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) की पहली ऑडिट रिपोर्ट में इसकी डी-डुप्लीकेशन प्रक्रिया में समस्याएं चिह्नित की हैं कि किस तरह बायोमेट्रिक कैप्चर प्रक्रिया में खामियों की वजह से हजारों लोगों को अपनी बायोमेट्रिक जानकारी अपडेट करने के लिए शुल्क का भुगतान करना पड़ रहा है.
इस ऑडिट रिपोर्ट में 2014-15 से 2018-19 के बीच यूआईडीएआई के कामकाज की जांच की गई.
रिपोर्ट में पांच साल से कम उम्र के बच्चों को उनके माता-पिता द्वारा मुहैया कराई गई जानकारी के आधार पर आधार कार्ड जारी करने को लेकर भी खामियां बताई गई हैं. रिपोर्ट में इसे आधार अधिनियम के मूल सिद्धांत के खिलाफ कदम बताया है.