
केरल हाईकोर्ट ने लक्षद्वीप प्रशासक के निर्णयों को चुनौती देने वाली जनहित याचिका ख़ारिज की
The Wire
लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल्ल खोड़ा पटेल कुछ प्रावधान लेकर आए हैं, जिसके तहत इस मुस्लिम बहुल द्वीप से शराब के सेवन से रोक हटाने, गोवंश उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने और तटीय इलाकों में मछुआरों के झोपड़े तोड़े जाने हैं. इनमें बेहद कम अपराध क्षेत्र वाले लक्षद्वीप में एंटी-गुंडा एक्ट लाना और दो से अधिक बच्चों वालों को पंचायत चुनाव लड़ने से रोकने का भी प्रावधान भी शामिल है.
कोच्चिः केरल हाईकोर्ट ने लक्षद्वीप प्रशासक के सुधार कदमों को चुनौती देने वाली जनहित याचिका गुरुवार को खारिज कर दी. लक्षद्वीप प्रशासक के इन सुधार कदमों में लक्षद्वीप विकास प्राधिकरण विनियमन 2021 (एलडीआर) और द्वीपों में असामाजिक गतिविधि रोकथाम अधिनियम (पासा) को लागू करना शामिल हैं. अदालत ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि ये कथित सुधार उपाय फिलहाल मसौदा चरण में ही हैं. कोर्ट ने इससे पहले इस मामले पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा था. बता दें कि ये जनहित याचिका कांग्रेस नेता केपी नौशाद अली ने दायर की थी. उन्होंने अपनी याचिका में कहा था कि इन नियमों को अवैध और असंवैधानिक घोषित किया जाए. ये उपाय संविधान के अनुच्छेद 15, 16, 19 और 21 का उल्लंघन हैं.More Related News