केरल हाईकोर्ट ने ईसाई महिला और DYFI के मुस्लिम नेता के अंतरधार्मिक विवाह में हस्तक्षेप से किया इनकार
ABP News
न्यायमूर्ति वी. जी. अरुण और न्यायमूर्ति सी. एस. सुधा की पीठ ने महिला, ज्योत्सना मैरी जोसेफ से बातचीत करने के बाद कहा कि, ‘‘ उसने DYFI नेता शेजिन से अपनी मर्जी से विवाह करने का फैसला किया है.''
केरल उच्च न्यायालय ने एक ईसाई महिला के DYFI के एक मुस्लिम नेता के साथ विवाह करने के फैसले में हस्तक्षेप करने से मंगलवार को इनकार कर दिया. महिला के इस फैसले ने राज्य में उस समय राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया, जब उसके संबंधियों ने इसे ‘‘लव जिहाद’’ का मामला बताया, लेकिन महिला ने अदालत को स्पष्ट रूप से बताया कि उसे अवैध तरीके से कैद करके नहीं रखा गया है और वह इस समय अपने परिवार से बात नहीं करना चाहती है.
न्यायमूर्ति वी. जी. अरुण और न्यायमूर्ति सी. एस. सुधा की पीठ ने महिला, ज्योत्सना मैरी जोसेफ से बातचीत करने के बाद कहा कि, ‘‘उसने साफ-साफ कहा कि वह DYFI नेता शेजिन से अपनी मर्जी से विवाह करने का फैसला किया है. उसे किसी ने ऐसा करने के लिए मजबूर नहीं किया.’’ अदालत ने अपने आदेश में कहा, ‘‘महिला ने यह भी कहा कि वह इस समय अपने माता-पिता या परिवार से बात नहीं करना चाहती है.’’ अदालत ने युवती के परिवार को बताया कि महिला ने कहा है कि वह अपने विवाह के बाद उनसे मिलने का इरादा रखती है, जिसके लिए विशेष विवाह अधिनियम के तहत एक आवेदन दायर किया गया है. जो विचाराधीन है और वह उससे पहले उनसे नहीं मिलेगी.