केरल हाईकोर्ट ने ईसाई महिला और डीवाईएफआई के मुस्लिम नेता के विवाह में हस्तक्षेप से इनकार किया
The Wire
केरल में एक ईसाई महिला के माकपा की युवा इकाई डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) के एक मुस्लिम नेता के साथ विवाह करने से उस समय राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया था, जब महिला के परिवारवालों के अलावा माकपा के एक नेता ने भी ‘लव जिहाद’ का आरोप लगाया था.
कोच्चि: केरल हाईकोर्ट ने एक ईसाई महिला के मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की युवा इकाई डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) के एक मुस्लिम नेता के साथ विवाह करने के फैसले में हस्तक्षेप करने से मंगलवार को इनकार कर दिया.
महिला के इस फैसले ने राज्य में उस समय राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया, जब उसके संबंधियों ने इसे ‘लव जिहाद’ का मामला बताया, लेकिन महिला ने अदालत को स्पष्ट रूप से बताया कि उसे अवैध तरीके से कैद करके नहीं रखा गया है और वह इस समय अपने परिवार से बात नहीं करना चाहती.
महिला के पिता जोसेफ ने एक बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus) याचिका दायर करके आरोप लगाया था कि उनकी बेटी को अवैध रूप से हिरासत में रखा गया था और पुलिस को यह निर्देश दिए जाने का अनुरोध किया था कि जोइसना को उनके समक्ष लाया जाए.
हाईकोर्ट की पीठ ने महिला के पिता द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को बंद कर दिया. अदालत ने महिला से बातचीत कर पाया कि उन्होंने अपनी मर्जी से इस रिश्ते में प्रवेश किया था और विशेष विवाह अधिनियम के तहत इस शादी से जुड़ा नोटिस पहले ही प्रस्तुत किया जा चुका है.