
केरल में सीपीएम कार्यकर्ताओं को सरकारी पेंशन देने की नीति पर SC ने उठाया सवाल, कहा- शायद राज्य के पास बहुत पैसा है
ABP News
Supreme Court: केरल में मंत्रियों के स्टाफ के रूप में सिर्फ 2 साल काम करने वालों को पेंशन देने पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाया है.
केरल में मंत्रियों के स्टाफ के रूप में सिर्फ 2 साल काम करने वालों को पेंशन देने पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाया है. कोर्ट ने पेट्रोलियम उत्पाद की अधिक कीमत के खिलाफ केरल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी की याचिका खारिज करते हुए कहा- आपके राज्य के पास बहुत पैसा है. वहां 2 साल काम करने पर सरकार जीवन भर पेंशन देती है.
केरल में मंत्रियों के निजी स्टाफ को पेंशन देने की नीति इन दिनों विवादों में है. केरल हाई कोर्ट इस पर सुनवाई भी कर रहा है. हाई कोर्ट में दायर याचिका में बताया गया है कि सीपीएम की अगुवाई वाली लेफ्ट फ्रंट सरकार ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को सरकारी खजाने से पैसा देने की नीति बना रखी है. इसके लिए किसी कार्यकर्ता को मंत्री का कर्मचारी नियुक्त किया जाता है. सरकारी नीति के तहत वह 2 साल में पेंशन का अधिकारी हो जाता है. इसलिए, 2 साल के बाद उस कार्यकर्ता को हटा कर दूसरे को नियुक्त कर दिया जाता है. इस तरह बड़ी संख्या में सीपीएम कार्यकर्ता हैं, जो सरकारी पेंशन लेकर पार्टी के लिए काम कर रहे हैं.