
केरल में बीजेपी और एसडीपीआई नेताओं की हत्या- क्या बढ़ रही है कट्टरता?
BBC
केरल में हाल ही में दो अलग-अलग विचारधारा के कार्यकर्ताओं की एक ही दिन हत्या कर दी गई. मगर इस बार इन घटनाओं को राजनीतिक हत्या की जगह पर धार्मिक रंग देने की कोशिश हो रही है.
केरल में पिछले दिनों एसडीपीआई और बीजेपी के दो नेताओं की हत्या को अब राजनीतिक हत्या के बदले धार्मिक हत्या का रंग देने की कोशिश शुरू हो चुकी है. कुछ विश्लेषकों का मानना है कि इससे राज्य में राजनीतिक कट्टरता का दौर आने वाले दिनों में बढ़ेगा.
मध्य केरल में 12 घंटे के अंदर दो राजनीतिक नेताओं की हत्या से केरल का राजनीतिक गलियारा सकते में है. राजनीतिक तौर पर एसडीपीआई और बीजेपी, दोनों एक दूसरे के विरोधी हैं लेकिन दोनों तरफ़ से इन हत्याओं को धार्मिक हत्याएं कहा जा रहा है.
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के प्रोफ़ेसर एमए बेबी ने बताया है कि इन दोनों घटनाओं में धार्मिक हिंसा का पता चला है. वहीं कांग्रेस के रमेश चेनीताला ने बताया, "आरएसएस और एसडीपीआई समाज को बांटने की कोशिश कर रही है."
इन हत्याओं में सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि ये मामले केरल के आलप्पुझा ज़िले में हुए हैं, जहां से पहले कभी इस तरह की घटनाएं नहीं हुई थीं. अब तक राजनीतिक हत्या का सिलसिला उत्तरी केरल के मलप्पुरम ज़िले में ही देखने को मिला था.
राजनीतिक विश्लेषक जोसेफ मैथ्यू ने बताया, "आलप्पुझा अपेक्षाकृत शांतिपूर्ण इलाका है रहा है, इसलिए यहां इस तरह की घटना चौंकाने वाली है. अप्रैल में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान जो इस्लामोफोबिक अभियान चलाया गया था, मुझे लगता है कि वो अब भी जारी है."