केरल: गर्भपात की अपील लेकर हाईकोर्ट पहुंच रहीं नाबालिग रेप पीड़िताओं की संख्या बढ़ी
The Wire
सितंबर में केरल हाईकोर्ट में कम से कम तीन ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें से दो में मेडिकल बोर्ड ने गर्भावस्था समाप्त करने की सिफ़ारिश की थी, जिसके बाद कोर्ट ने इसकी अनुमति दे दी. तीसरे मामले में नाबालिग बलात्कार पीड़िता के आठ सप्ताह के भ्रूण को समाप्त करने की अनुमति मांगी गई है.
कोच्चि: केरल में चिकित्सकीय रूप से गर्भपात कराने की अपील लेकर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने वाली नाबालिग बलात्कार पीड़िताओं की संख्या में वृद्धि हुई है.
सितंबर में ही उच्च न्यायालय में कम से कम तीन ऐसे मामले सामने आए हैं. इनमें से दो मामलों में मेडिकल बोर्ड ने गर्भावस्था को समाप्त करने की सिफारिश की, जिसके बाद न्यायालय ने गर्भपात की अनुमति के लिए उनकी याचिका को स्वीकार कर लिया.
इनमें से एक मामले में उच्च न्यायालय ने पिछले सप्ताह और दूसरे मामले में सोमवार को गर्भपात की अनुमति दी.
न्यायालय ने यह भी कहा था कि ‘मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट’ के तहत, जहां गर्भवती महिला द्वारा किसी भी गर्भावस्था को बलात्कार के कारण होने का आरोप लगाया जाता है तो ऐसी गर्भावस्था के कारण होने वाली पीड़ा को गर्भवती महिला के मानसिक स्वास्थ्य के लिए गंभीर चोट के रूप में माना जाएगा.