केरल के बाद कर्नाटक में जीका वायरस का खतरा! मच्छरों से फैल रहा, जानें इलाज और बचाव
AajTak
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के मुताबिक, जीका वायरस एडीज मच्छर के काटने से फैलता है. यही मच्छर डेंगू, चिकनगुनिया और पीला ज्वर के लिए भी जिम्मेदार होते हैं. जीका वायरस संक्रमण की शुरुआत पश्चिम, मध्य अफ्रीका और दक्षिणपूर्व एशिया से हुई.
केरल के बाद कर्नाटक में मच्छरों में जीका वायरस पाया गया है, जिससे इसके संभावित प्रसार के बारे में चिंता बढ़ गई हैं. कर्नाटक के चिकबल्लापुर जिले में मच्छर में जीका वायरस पाया गया है.
जिला स्वास्थ्य अधिकारी एसएस महेश ने बताया कि बेंगलुरु से सटे चिकबल्लापुर में मच्छर में जीका वायरस पाया गया है. अगस्त महीने में जांच के लिए मच्छरों के सैंपल इकट्ठा किए गए थे, जिस मच्छर में जीका वायरस पाया गया है उसे तालकेबेट्टा से इकट्ठा किया गया था.
कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने कहा, 'हमारे विभाग द्वारा निगरानी की जा रही है. हमने जो नमूने एकत्र किए थे, उनमें से कुछ जीका पॉजिटिव पाए गए हैं. चिकबल्लापुर में जीका वायरस के मच्छर पाए गए हैं. लगभग 10 दिन पहले हमें रिपोर्ट मिली है, और तब से हम वहां की स्थिति की निगरानी कर रहे हैं, और अब तक कोई व्यक्ति संक्रमित नहीं हुआ है. उम्मीद है, यह नियंत्रण में आ जाएगा.'
तालकेबेट्टा के 5 KM के दायरे में अलर्ट जारी
जीका वायरस के खिलाफ राज्यव्यापी अभियान में अगस्त में एकत्र किए गए सैंपल्स की रिपोर्ट 25 अक्टूबर को जारी की गई थी. चिकबल्लापुर जिले में तालकेबेट्टा के आसपास पांच किलोमीटर के दायरे में अलर्ट जारी किया गया है. डीएचओ एसएस महेश ने बताया कि क्षेत्र में बुखार के सभी मामलों का बारीकी से विश्लेषण किया जा रहा है और जिन तीन रोगियों को तेज बुखार आया था, उनके नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं. अच्छी बात ये है कि तीनों मरीजों की हालत फिलहाल स्थिर है.
राज्य भर से कुल 100 नमूने एकत्र किए गए, जिनमें से 6 चिकबल्लापुर से थे. उनमें से पांच का परीक्षण नकारात्मक था, लेकिन एक सैंपल का जीका वायरस के लिए सकारात्मक परीक्षण किया गया. जिला प्रशासन ने इसे लेकर अलर्ट पर है. डीएचओ ने ऐसे लोगों से आगे आने और अपने ब्लड सैंपल्स देने के लिए कहा है, जिनको लगातार 3 दिनों से हाई फीवर है. जीका वायरस से संक्रमण के लक्षण डेंगू जैसे ही हैं.
गौतम अडानी पर आरोप है कि उन्होंने अमेरिका के निवेशकों के पैसे से भारत में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी और ये रिश्वत भी उन प्रोजेक्ट्स के लिए दी गई, जिससे 20 वर्षों में अडानी ग्रुप की एक कम्पनी को 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर्स यानी भारतीय रुपयों में लगभग 16 हज़ार 881 करोड़ रुपये का मुनाफा होने का अनुमान है. आरोप है कि इस मुनाफे के लिए साल 2021 से 2022 के बीच आंध्र प्रदेश, ओडिशा, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु और छत्तीसगढ़ की सरकारों को लगभग 2200 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई.
गौतम अडानी एक बार फिर चर्चा में हैं क्योंकि उन पर सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स के ठेके पाने के लिए भारतीय अधिकारियों को करोड़ों रुपये की रिश्वत देने का आरोप है. इस मामले पर NSUI ने भी प्रदर्शन किया है. इस मुद्दे ने राजनीतिक और व्यावसायिक जगत में खलबली मचा दी है, जिसमें भ्रष्टाचार और व्यापारिक नैतिकता के सवाल शामिल हैं.