केजरीवाल के खिलाफ थाने चली गई कांग्रेस अडानी के मामले में बयानबाजी तक सीमित क्यों? । opinion
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अडानी के खिलाफ राहुल गांधी कई साल से बोल रहे हैं. अब उन्होंने पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा के साथ एक वीडियो जारी किया है. देखने से लगता है कि उनके पास अडानी के खिलाफ भ्रष्टाचार के पुख्ता सबूत हैं. अगर राहुल की नीयत साफ है तो उन्हें कोर्ट या पुलिस का सहारा लेना चाहिए. जैसे उनकी पार्टी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ किया.
राहुल गांधी कई वर्षों से देश के मशहूर उद्योगपति गौतम अडानी के पीछे पड़े हुए हैं. उनका मकसद यह होता है कि अडानी के बहाने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टार्गेट करना. हर मंच पर वो अडानी के खिलाफ बोलते रहे हैं. अब कांग्रेस में उनके एक सहयोगी पवन खेड़ा जो उनकी पार्टी के प्रवक्ता भी हैं, ने एक वीडियो बनाकर राहुल गांधी को बताया है कि आप जो कह रहे थे वो सब सही है. उनकी दलीलों में वे राहुल को 'सर' कहकर संबोधित कर रहे हैं, और राहुल उनकी बातों से खुश और संतुष्ट भी नजर आ रहे हैं.
28 अक्टूबर को X पर पोस्ट किया गया यह वीडियो राहुल के अकाउंट पर अब भी सबसे ऊपर पिन है. जिसका शीर्षक है- 'अडानी बचाओ सिंडिकेट'. कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा अडानी को विलेन साबित करने के लिए SEBI प्रमुख माधबी बुच का सहारा ले रहे हैं. उनके कहने का लब्बोलुआब यह है कि अडानी को बचाने के लिए माधवी बुच को सेबी में प्लांट किया गया है.
राहुल कहते हैं कि संस्थागत पतन ने अब भाई-भतीजावाद के अधिक खतरनाक स्वरूप 'अडानी बचाओ सिंडिकेट' को जन्म दिया है. मौजूदा सरकार अब केवल एकाधिकार को बढ़ावा नहीं दे रही है, बल्कि सक्रिय रूप से देश की संपत्ति को कुछ लोगों के हाथों में केंद्रित कर रही है. परेशानी इस बात की नहीं है कि राहुल गांधी जो कह रहे हैं वो गलत है या सही. पर राहुल गांधी की नीयत पर संदेह इसलिए हो जाता है क्योंकि एक तरफ तो वो अडानी पर हमले करते हैं और दूसरी तरफ उनकी पार्टी के तमाम नेता जिसमें राहुल के खास लोग भी शामिल हैं वो अडानी का पलक पावड़े बिछाकर स्वागत करते हैं.
1- राहुल गांधी के पास पुख्ता सबूत हैं तो अडानी के खिलाफ कोर्ट क्यों नहीं जाते?
वीडियो में पवन खेड़ा कहते हैं कि वो किसी व्हिसिल ब्लोअर के हवाले से सबकुछ भी बता रहे हैं. उनके पास पुख्ता सबूत हैं. अगर कांग्रेस के पास इतने ही सबूत हैं तो उन्हें कोर्ट के पास क्यों नहीं जाना चाहिए? यह तो एक बहुत बड़ा अपराध है कि हम किसी के अपराध के बारे में सबूत सहित जानकारी रखते हैं और यह सबूत कोर्ट और अन्य एजेंसियों से साझा नहीं कर रहे हैं. मान लिया कि वे सरकारी एजेंसियों पर भरोसा नहीं करते हैं, लेकिन क्या कोर्ट से भी उन्हें परहेज़ है? वही एजेंसियां खासकर पुलिस और कोर्ट, जिनके सहारे कांग्रेस ने अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के शराब घोटाले को अंजाम तक पहुंचाया. घोटालेबाज नेताओं को जेल जाना पड़ा. तो फिर अडानी के खिलाफ कांग्रेस क्यों कोर्ट या पुलिस में शिकायत नहीं दे सकती है. क्या अडानी से डरती है कांग्रेस? या, उसका मकसद अडानी को बदनाम और ब्लैकमेल करना है? और उसके सहारे मोदी सरकार पर दबाव बनाए रखना?
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