केंद्र सरकार ने Dolo 650 केस में फ्रीबीज पाने वाले डॉक्टर्स की मांगी डिटेल, SC में दाखिल करेगी जवाब
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सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान गुरुवार को बताया गया कि दवा बनाने वाली कंपनी ने मरीजों को डोलो-650 दवा लिखने के लिए डॉक्टरों को 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा के उपहार दिए थे. इसको लेकर कोर्ट ने केंद्र सरकार को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया. वहीं अब केंद्र ने दवा निर्माता कंपनी से डॉक्टर्स की डिटेल मांगी है.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से Dolo 650 केस में एक जनहित याचिका पर जवाब मांगा है. उसके लिए अब केंद्र सरकार ने दवा बनाने वाली कंपनी माइक्रो लैब्स प्राइवेट लिमिटेड से उन डॉक्टरों का ब्योरा मांगा है, जिन्हें उपहार दिए गए थे. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की अगली तारीख से पहले केंद्र सरकार जवाब दाखिल करेगी.
सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव्स ने गुरुवार को बताया कि दवा बनाने वाली कंपनी ने मरीजों को डोलो-650 दवा लिखने के लिए डॉक्टरों को 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा के उपहार दिए थे. फेडरेशन ऑफ मेडिकल एंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया की पैरवी कर रहे सीनियर एडवोकेट संजय पारिख ने सुनवाई के दौरान सेंट्रल बोर्ड ऑफ डाइरेक्ट टैक्सेज की एक रिपोर्ट का हवाला दिया. रिपोर्ट के अनुसार, 'डोलो कंपनी ने डोलो-650 दवा लिखने के लिए डॉक्टरों को 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा के उपहार दिए. डॉक्टर्स मरीजों को गलत डोज प्रेस्क्राइब कर रहे थे.'
मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट गंभीर
मामले की सुनवाई कर रही बेंच को हेड कर रहे जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने इस दौरान अपना अनुभव साझा किया. उन्होंने बताया कि जब उन्हें कोविड-19 हुआ था, तो उन्हें भी डॉक्टर ने डोलो-650 लेने को कहा था. बेंच में जस्टिस चंद्रचूड़ के अलावा जस्टिस एएस बोपन्ना भी शामिल थे. पीठ ने दलीलें सुनने के बाद कहा, 'यह एक गंभीर मुद्दा है. इसे आम मुकदमेबाजी की तरह नहीं देखा जा सकता है. हम इस मामले पर जरूर सुनवाई करेंगे.' अब इस मामले पर अगली सुनवाई 10 दिनों बाद होने वाली है. इस जनहित याचिका में ये मांग की गई है कि कोई खास दवा लिखने के लिए डॉक्टरों को मिलने वाले उपहार को लेकर कंपनियों को जिम्मेदार ठहराया जाए.
इनकम टैक्स की छापेमारी से खुला मामला
डोलो बनाने वाली कंपनी माइक्रो लैब्स लिमिटेड कई तरह की दवाएं बनाती है और उन्हें बाजार में बेचती है. कंपनी की बुखार की दवा Dolo-650 सबसे ज्यादा लोकप्रिय है. खासकर कोविड-19 के दौरान तो हर कोई इस दवा के नाम से परिचित हो गया और उस दौरान जो भी बुखार की चपेट में आया, उसने यह दवा जरूर ली. कंपनी का कारोबार 50 से ज्यादा देशों में फैला है. कंपनी पहली बार उस समय विवादों के घेरे में आई, जब आयकर विभाग ने 6 जुलाई को 9 राज्यों में स्थित उसके 36 ठिकानों पर छापा मारा.
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