
केंद्र सरकार की सहमति के बिना नहीं हो सकता पेगासस हमला: शिवसेना
The Wire
शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में कहा गया है कि पेगासस का हमला आपातकाल से भी बड़ा है. जब कांग्रेस शासन के दौरान जासूसी के मामले सामने आए थे, तब भाजपा ने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को इसके लिए ज़िम्मेदार ठहराते हुए उनके इस्तीफ़े की मांग की थी. अब यह सत्ता में है, लेकिन संसद में इस मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार नहीं है.
मुंबई/पुणे: इजरायल के पेगासस स्पायवेयर से जासूसी के खुलासे के मामले में केंद्र सरकार को घेरते हुए शिवसेना ने बुधवार को एक बार फिर से कहा पेगासस चुने गए भारतीयों पर किया गया एक साइबर हमला है और ऐसा हमला केंद्र सरकार की सहमति के बिना नहीं हो सकता है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में आगे कहा गया कि पेगासस का हमला आपातकाल से भी बड़ा है. पेगासस के असली जनक हमारे देश में हैं और उनका पता लगाया जाना चाहिए. सामना के संपादकीय में कहा गया, ‘पेगासस चुनिंदा भारतीयों पर किया गया एक साइबर हमला है और ऐसा हमला केंद्र सरकार की सहमति के बिना नहीं हो सकता. पेगासस जासूसी मामले की जिम्मेदारी कौन लेगा? सबसे पहले पूरे मामले की जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) द्वारा की जानी चाहिए. नहीं तो सुप्रीम कोर्ट को स्वत: संज्ञान लेना चाहिए और एक स्वतंत्र समिति नियुक्त करनी चाहिए. राष्ट्रीय हित इसमें निहित है.’ लोकसभा में शिवसेना के नेता विनायक राउत के नेतृत्व में मंगलवार को शिवसेना सांसदों के एक दल ने लोकसभा स्पीकर ओम अध्यक्ष से मुलाकात की और पेगासस मामले में जेपीसी गठित करने और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग की.More Related News