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केंद्र ने SC से कहा, 'महाराष्ट्र सरकार के पास मराठा समुदाय के लोगों को आरक्षण देने का विधायी अधिकार'
NDTV India
पिछले 18 मार्च को अटॉर्नी जनरल ने कहा था कि 102वां संशोधन राज्यों को एसईबीसी के तहत कानून बनाने से नहीं रोकता है. बता दें कि वेणुगोपाल ने इसे संवैधानिक बताया था.
मराठा आरक्षण मामले (Maratha Reservation Issue) को लेकर केंद्र सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि महाराष्ट्र सरकार के पास मराठा समुदाय के लोगों को आरक्षण देने का विधायी अधिकार प्राप्त है और उसके द्वारा लिया गया यह आरक्षण संवैधानिक है. केंद्र का कहना है कि संविधान के 102वें संशोधन से राज्य सरकार को सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (एसईबीसी) की सूची बनाने का अधिकार खत्म नहीं हो जाता है. बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पांच जजों के संविधान पीठ के समक्ष कहा कि महाराष्ट्र सरकार द्वारा बनाए गए सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग (एसईबीसी) अधिनियम, 2018 के तहत मराठा समुदाय के लोगों को नौकरी और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण देना, संवैधानिक है. केंद्र सरकार का मानना है कि एसईबीसी अधिनियम, 2018 संवैधानिक है.More Related News