केंद्र ने छह लाख करोड़ रुपये की राष्ट्रीय मौद्रिकरण योजना की घोषणा की
The Wire
राष्ट्रीय मौद्रिकरण योजना के तहत यात्री ट्रेन, रेलवे स्टेशन से लेकर सड़क जैसे अलग-अलग बुनियादी ढांचा क्षेत्रों का मौद्रिकरण शामिल है. यानी सरकार मौद्रिकरण के ज़रिये इन क्षेत्रों में अपनी हिस्सेदारी निजी क्षेत्रों को बेचेगी. कोविड लॉकडाउन और उसके बाद की मंदी ने निजीकरण की प्रक्रिया को धीमा कर दिया है, सरकार को अभी भी चालू वित्त वर्ष से मार्च 2022 तक इस तरह की बिक्री से 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद है.
नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बीते सोमवार को छह लाख करोड़ रुपये की राष्ट्रीय मौद्रिकरण योजना (एनएमपी) की घोषणा की है. ₹6,00,0000 करोड़ की देश की सम्पति की सेल- इसके तहत यात्री ट्रेन, रेलवे स्टेशन से लेकर हवाई अड्डे और सड़कें जैसे अलग-अलग बुनियादी ढांचा क्षेत्रों का मौद्रिकरण शामिल हैं. इसका मतलब है कि सरकार मौद्रिकरण के जरिये इन क्षेत्रों में अपनी हिस्सेदारी बेचेगी. सड़क,रेल,खदान,टेलिकॉम,बिजली,गैस, ऐयरपोर्ट,बंदरगाह,खेल स्टेडीयम…यानी मोदी जी….आसमान, ज़मीन और पाताल सब बेच डालेंगे। इन बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में निजी कंपनियों को शामिल करते हुए संसाधन जुटाए जाएंगे और संपत्तियों का विकास किया जाएगा. भाजपा है तो देश की प्रॉपर्टी नही बचेगी।#StopSellingIndia pic.twitter.com/fuc2T1RARo राष्ट्रीय मौद्रिकरण योजना के तहत वित्त वर्ष 2022 से वित्त वर्ष 2025 तक चार साल की अवधि में केंद्र सरकार की मुख्य संपत्तियों के माध्यम से छह लाख करोड़ रुपये की निवेश संभावनाओं का अनुमान है. — Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) August 23, 2021More Related News