
केंद्र को वैक्सीन की कमी की ज़िम्मेदारी लेते हुए फ़ौरन प्रभावी कदम उठाना चाहिए
The Wire
देश में बेहद तेज़ी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों के मद्देनज़र अब तक वैक्सीन उत्पादन क्षमता को बढ़ा दिया जाना चाहिए था. ज़ाहिर है कि इस दिशा में केंद्र सरकार की प्लानिंग पूरी तरह फेल रही है.
नई दिल्ली: देश में कोरोना मामलों की बढ़ती संख्या के बीच कोविड-19 वैक्सीन की कमी को लेकर उठ रहे सवालों को केंद्र सरकार ने सिरे से खारिज किया है और इसके लिए राज्यों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. हालांकि हकीकत ये है कि वैक्सीन की खरीद एवं इसके वितरण का एकाधिकार केंद्र सरकार के ही पास है, लेकिन वे 45 साल से अधिक उम्र वालों के लिए वैक्सीन की जरूरत का आकलन करने में पूरी तरह से नाकाम रहे हैं. एक साधारण गणना से इस बात की पुष्टि की जा सकती है. भारत के दो प्रमुख वैक्सीन- कोविशील्ड और कोवैक्सीन- के उत्पादनकर्ता एक दिन में करीब 24 लाख कोरोना टीकों का उत्पादन करते हैं. लेकिन वर्तमान में एक दिन में 37 लाख वैक्सीन की जरूरत है. पहले से ही कोरोना वैक्सीन की भारी कमी है और शायद कोविडशील्ड के पुराने स्टॉक द्वारा इसे छुपाया जा रहा है. यदि उत्पादन क्षमता बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, तब भी आने वाले समय में गंभीर स्थिति देखने को मिलेगी.More Related News