केंद्र के नए मंत्रियों की यह तस्वीर बताती है कि मोदी सरकार में बस मोदी ही मुख्य हैं
The Wire
मंत्रिपरिषद के विस्तार के बाद भले की मंत्रियों की संख्या 77 पहुंच गई हो, लेकिन चुने गए ये सभी महिला और पुरुष केवल प्रिय नेता की भूमिका का बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने के लिए हैं.
मुझे नहीं पता कि 8 जुलाई को एक अखबार ने मुखपृष्ठ पर लगाई गई मुख्य तस्वीर को किस वजह से चुना, लेकिन उनके द्वारा नरेंद्र मोदी के नए कैबिनेट मंत्रियों की सौंदर्यबोध-विहीन तस्वीर हमें आज के भारत की सरकार के बारे में वो सब बताती है, जो हमें जानने की जरूरत है. साथ ही यह भी कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में हुई नवीनतम फेरबदल और विस्तार से किसी भी ठोस बदलाव की संभावना क्यों नहीं है. जैसा कि आम तौर पर 15 चेहरों वाले कोलाज में होता है, यहां हर मंत्री अकेला नहीं है बल्कि वह अपने प्रिय नेता के लिए किसी प्रॉप (सहारे) के रूप में मौजूद है, जो यह स्पष्ट करता है कि दोनों अविभाज्य हैं, इनमें कोई अंतर नहीं है, और कैबिनेट का यह सदस्य या तो केवल एक पिछलग्गू है या प्रधानमंत्री का ही विस्तार. अगर यह कोई चालाकी भरा संपादकीय फैसला था, जो अख़बार के संपादकों ने लिया था, तो उन्हें मेरा सलाम. लेकिन अगर, जैसा मुझे शक है कि यह डिज़ाइन को लेकर खराब समझ थी, तब भी हमें उनका शुक्रगुज़ार होना चाहिए कि उन्होंने जाहिर तौर पर एक तस्वीर के जरिये इस बात की पुष्टि कर दी कि मोदी सरकार में सिर्फ मोदी ही केंद्र में हैं. ऐसे में मंत्रिपरिषद में चुने गए ये 77 महिला और पुरुष सिर्फ उन्हीं की भूमिका का बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने के लिए हैं. बुधवार का कैबिनेट फेरबदल ऐसे समय में हुआ है, जब सरकार की विश्वसनीयता अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है. जैसे ही उन्होंने अपने नामों की सूची की जांच की, मोदी जानते थे कि लगभग हर मंत्री- गृह, वित्त और रक्षा से लेकर स्वास्थ्य, शिक्षा और आईटी तक – अपने क्षेत्र में या तो खराब प्रदर्शन कर रहा था या विनाशकारी साबित हो रहा था. इस कुशासन का असर चारों ओर है- लद्दाख में, भारत के खेतों और शहरों पर, यहां तक कि साइबर स्पेस में भी. यह स्वास्थ्य क्षेत्र में बिल्कुल स्पष्ट नजर आता है, जहां महामारी से निपटना किसी आपदा से कम साबित नहीं हुआ है.More Related News