केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली सरकार की 9 दलीलें, सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए रखी 3 मांगें
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दिल्ली सरकार ने केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. सरकार के अधिकारिक बयान के मुताबिक, दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अध्यादेश 2023 की संवैधानिकता को चुनौती दी है. दिल्ली सरकार ने अपनी याचिका में अध्यादेश की वैधता पर कड़ा सवाल उठाया है.
दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार के अध्यादेश पर तत्काल रोक की मांग को लेकर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. केजरीवाल सरकार नेअध्यादेश को असंवैधानिक बताया है और इसके खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए दिल्ली में ट्रांसफर-पोस्टिंग पर केंद्र सरकार के नियंत्रण को चुनौती दी है. केंद्र सरकार ये अध्यादेश, 19 मई को लेकर आई थी.
केंद्र ने किया संवैधानिक सिद्धांतों का उल्लंघनः दिल्ली सरकार दिल्ली सरकार का कहना है कि यह अध्यादेश लाकर केंद्र ने संवैधानिक सिद्धांतों का उल्लंघन किया है और निर्वाचित सरकार के अधिकारों को हड़पने की कोशिश की है. अध्यादेश, संघवाद के बुनियादी सिद्धांतों को कमजोर करता है. सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने 11 मई को दिल्ली सरकार को ट्रांसफर-पोस्टिंग के अधिकार सौंपे थे, जिसके बाद केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर कोर्ट का फैसला पलट दिया है.'
'निर्वाचित सरकार के पास होना चाहिए सर्विसेज का कंट्रोल' दिल्ली सरकार के अधिकारिक बयान के मुताबिक, दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अध्यादेश 2023 की संवैधानिकता को चुनौती दी है. अध्यादेश के जरिए दिल्ली सरकार में सेवारत सिविल सर्वेंट्स की ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली सरकार से छीनकर अनिर्वाचित उपराज्यपाल को दे दिया है. जबकि संविधान के अनुसार सर्विसेज को लेकर पावर और कंट्रोल निर्वाचित सरकार का होना चाहिए.
दिल्ली सरकार ने कोर्ट में क्या रखी हैं मांगे दिल्ली सरकार ने एक अंतरिम आवेदन दायर कर अध्यादेश पर तत्काल रोक की मांग की है. हालांकि, दिल्ली सरकार ने अपनी मुख्य याचिका के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अध्यादेश 2023 को असंवैधानिक घोषित करने और रद्द करने के लिए एक निर्देश, ऑर्डर या उचित रिट पारित करें. इसके तहत सरकार ने अध्यादेश की अलग-अलग धाराओं को जिक्र कर उन्हें रद्द करने की मांग की है.
सरकार ने अपनी याचिका में विस्तार से उन सभी धाराओं का जिक्र किया है, जिन्हें रद्द करने के लिए कोर्ट में याचिका दायर की गई है.
सरकार ने की ये मांगे- - राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अध्यादेश 2023 द्वारा पेश किए गए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम, 1991 की धारा 3ए को असंवैधानिक घोषित करने और रद्द करने के लिए एक निर्देश, ऑर्डर या उचित रिट पारित करें.
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