
केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने 'किसान नहीं, मवाली हैं' टिप्पणी पर मांगी माफी, टिकैत बोले- अन्नदाता हैं वो
NDTV India
मीनाक्षी लेखी ने कहा- मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया. अगर इससे किसानों या अन्य किसी को भी दुख पहुंचा है तो मैं माफी मांगती हूं और अपने शब्दों को वापस लेती हूं.
केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी (Meenakshi Lekhi) ने अपनी 'किसान नहीं, मवाली हैं' वाली टिप्पणी पर माफी मांगी है. उन्होंने कहा कि जंतर-मंतर पर किसान संसद के दौरान एक मीडियाकर्मी पर कथित हमले पर उनके बयान की गलत व्याख्या की गई. एक मीडिया चैनल के वरिष्ठ वीडियो जर्नलिस्ट पर जंतर-मंतर पर तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों द्वारा कथित तौर पर हमला किया गया था. लेखी ने कहा कि एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान 26 जनवरी को लाल किले पर हिंसा और एक मीडियाकर्मी पर किसान संसद में हमले पर मेरी टिप्पणी मांगी गई थी. मैंने ये कहा कि केवल मवाली ही ऐसी गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं, किसान नहीं.More Related News