
कृषि मंत्री तोमर बोले- किसानों से बात होगी लेकिन क़ानूनों पर नहीं, टिकैत ने बताया- सरकार का 'साहूकारी अंदाज़'
BBC
आंदोलन के बीच हाल में आपराधिक घटनाओं की ख़बरें सामने आई हैं. इसे लेकर केंद्र और बीजेपी ने चिंता जाहिर की है. वहीं किसानों का कहना है कि आरोपों की जांच होनी चाहिए.
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि सरकार आंदोलनकारी किसानों से 'बात करने को तैयार' है लेकिन चर्चा 'तीन क़ानूनों को रद्द करने के मुद्दे पर नहीं होगी.' केंद्र सरकार ने किसान आंदोलन के दौरान कथित आपराधिक घटनाओं को लेकर भी सवाल उठाए हैं. भारतीय जनता पार्टी ने आरोपों पर चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि 'लोकंतत्र में अपराध के लिए कोई जगह नहीं है.' वहीं, किसान नेता राकेश टिकैत ने कृषि मंत्री के बयान को सरकार का 'साहूकारी अंदाज़' बताया है. उन्होंने कथित आपराधिक घटनाओं की जांच कराने और क़ानून के मुताबिक कार्रवाई करने की मांग की है. सरकार और किसान संगठन करीब सात महीने से आमने-सामने हैं. किसानों के कई संगठन तीन कृषि क़ानूनों को रद्द करने की मांग के साथ आंदोलन कर रहे हैं. कई किसान दिसंबर से राजधानी दिल्ली की सीमा पर जमे हुए हैं. जनवरी तक सरकार और किसानों के प्रतिनिधियों के बीच 11 दौर की बातचीत हुई लेकिन 22 जनवरी के बाद से सरकार और किसानों के बीच कोई बातचीत नहीं हुई है. किसान संगठनों ने मई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था और बातचीत दोबारा शुरू करने की मांग की थी लेकिन अभी तक दोबारा बातचीत शुरू नहीं हुई है.More Related News