कृषि बजट में ‘तकनीक आधारित मॉडल’ को बढ़ावा, किसानों की मांगों की अनदेखी
The Wire
बजट में एमएसपी भुगतान के लिए 2.37 लाख करोड़ रुपये के आवंटन के साथ गेहूं व धान किसानों को निश्चित आय का आश्वासन दिया गया है, पर इसके अमल के बारे में कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी गई है. किसान नेताओं ने बजट को निराशाजनक बताते हुए कहा कि उनकी आय दोगुनी करने के वादे पूरे नहीं किए हैं.
नई दिल्ली: ‘किसान ड्रोन’ से लेकर केन-बेतवा लिंक परियोजना तक केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल के बजट में कृषि के ‘तकनीकी-सक्षम मॉडल’ को बढ़ावा देने पर जोर दिया है.
रिपोर्ट के अनुसार, साथ ही, वार्षिक बजट 2022-23 में किसानों की निर्धारित आय सुनिश्चित करने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की मद में 2.37 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जो सीधा उनके खातों में ट्रांसफर किया जाएगा. यह प्रावधान गेहूं और धान उत्पादक किसानों के लिए है.
सीतारमण ने घोषणा की, ‘समावेशी विकास सरकार की प्राथमिकता है जिसमें गेहूं, धान, खरीफ और रबी फसलों की खरीद शामिल है, जिससे 1 करोड़ से अधिक किसान लाभ उठाएंगे.’
उन्होंने आगे कहा, ‘163 लाख किसानों से 1,208 मीट्रिक टन गेहूं और धान खरीदा जाना है. 2.37 लाख करोड़ रुपये उनके खातों में एमएसपी भुगतान के तौर पर भेजे जाएंगे.’