कृषि क़ानूनों की वापसी के बाद CAA के ख़िलाफ़ प्रदर्शन की तैयारी – प्रेस रिव्यू
BBC
तीन कृषि क़ानूनों की वापसी के बाद नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर चुके संगठन अब वापस इसके ख़िलाफ़ आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं.
तीन कृषि क़ानूनों को वापस लेने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद एक बार फिर नागरिकता संशोधन क़ानून (CAA) को लेकर बहस शुरू हो गई है.
अंग्रेज़ी अख़बार 'द हिंदू' के मुताबिक़, असम में CAA के ख़िलाफ़ कई समूह फिर से जाग उठे हैं और 12 दिसंबर को प्रदर्शन की योजना बना रहे हैं.
CAA के तहत अफ़ग़ानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आने वाले ग़ैर मुस्लिमों को नागरिकता देने का प्रावधान है जो 31 दिसंबर 2014 तक इन देशों को छोड़ चुके हैं.
कुछ संगठनों ने फिर से CAA के ख़िलाफ़ आंदोलन करने का फ़ैसला किया है, दिसंबर 2019 में इस आंदोलन में हुई पुलिस गोलीबारी में कम से कम पांच लोगों की जानें गई थीं.
इन प्रदर्शनों में ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) और सामाजिक कार्यकर्ता से विधायक बने अखिल गोगोई की कृषक मुक्ति संग्राम समिति (KMSS) और एक राजनीतिक दल असम जातीय परिषद भी शामिल होगा.