किसी की होने वाली थी शादी तो कोई छोड़ गया हंसता-खेलता परिवार... सेना के 4 शहीद जवानों की दिल तोड़ देने वाली कहानी
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आतंकियों ने कायरता दिखाते हुए घात लगाकर सेना के 4 जवानों को शहीद कर दिया. इस वारदात में सेना के 3 जवान घायल भी हुए हैं. अब इन सैनिकों के परिवार के बारे में जानकारी सामने आई है. चार में से दो जवानों की अगले साल शादी होने वाली थी.
जम्मू-कश्मीर के राजौरी में बीते दिनों आतंकवादियों ने सेना के 2 वाहनों पर घात लगाकर हमला कर दिया, जिसमें 4 जवान शहीद हो गए. आतंकियों की इस कायराना हरकत के बाद शहीदों के पार्थिव शरीर उनके परिवार के पास रवाना कर दिए गए. इस वारदात के बाद शहीदों के परिवार से जुड़ी दिल तोड़ देने वाली कहानियां सामने आईं. इनमें से किसी की जल्द ही शादी होने वाली थी तो कोई अपने पीछे हंसता-खेलता परिवार छोड़ गया.
शहीदों में कानपुर के सैनिक करण सिंह यादव भी शामिल हैं. वे कानपुर शहर के चौबेपुर के भाऊपुर गांव के रहने वाले थे. शहीद सैनिक आखिरी बार अगस्त में अपने घर आए थे. इसके बाद फरवरी में उसने पिता से आने के लिए कहा था, लेकिन उनके आने से पहले ही घर में शहीद होने की सूचना पहुंच गई. उनकी मौत की सूचना जैसे ही घर में पहुंची पूरे गांव में मातम छा गया. गांव के लोगों के मुताबिक करण सिंह छुट्टी पर जब भी गांव आते थे तो गांव वालों को बड़ा प्यार और सम्मान देते थे.
पहले कहा गया पैर में लगी है गोली
करण सिंह के घर में उसके माता-पिता के अलावा एक भाई और दो बहने हैं. उसकी शादी हो चुकी थी. करण की दो कम उम्र की बेटियां हैं. परिवार का कहना है शाम को फोन आया था कि उसके पैर में गोली लगी है, इसके बाद हम लोगों ने जब पता करने की कोशिश की तो पता चला वह देश के लिए बलिदान हो गए हैं. प्रशासन की तरफ से एसडीएम और पुलिस अधिकारी भी परिजनों से मिलने पहुंचे थे. करण सिंह यादव का पार्थिव शरीर आज की देर रात कानपुर पहुंच सकता है. देश के लिए बलिदान वीर सैनिक का कानपुर में पूरे राष्ट्रीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा.
रात 12 बजे यूनिट से आया फोन
शहीदों में उत्तराखंड के कोटद्वार के सैनिक गौतम कुमार भी शामिल हैं. 28 साल के गौतम कोटद्वार के शिवपुर आमपड़ाव के रहने वाले थे. वह 16 दिसम्बर को ही छुट्टी से वापस ड्यूटी पर गए थे. अगले साल 11 मार्च 2024 को उनकी शादी होनी थी. गौतम के बड़े भाई राहुल कुमार ने रोते-रोते बताया कि 21 दिसंबर की रात 12 बजे भाई की यूनिट से फोन आया कि वह शहीद हो गए हैं. घर में कोहराम मच गया. कोटद्वार के उपजिलाधिकारी सोहन सिंह सैनी ने बताया कि सैन्य कल्याण बोर्ड से संपर्क किया गया है. जब पार्थिव शरीर उनके घर कोटद्वार पहुंचेगा, तभी बताया जाएगा कि अंतिम संस्कार कहां किया जाएगा.
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