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किसान संसदः महिला किसानों ने जंतर मंतर पर कहा- ये आंदोलन सिर्फ़ पुरुषों का नहीं
The Wire
केंद्र सरकार के तीन कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ जारी विरोध प्रदर्शन को और तेज़ करने के लिए पंजाब, हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश की लगभग 200 महिला किसानों ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के जंतर मंतर में चल रहे ‘किसान संसद’ में भाग लिया. संयुक्त किसान मोर्चा के एक बयान में कहा गया है कि ‘महिला किसान संसद’ द्वारा दो प्रस्ताव पारित किए गए, जिनमें एक कृषि विरोध में महिला किसानों की मान्यता की मांग और दूसरा संसद और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत प्रतिनिधित्व की मांग शामिल है.
नई दिल्ली: केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शन को और तेज करने के लिए पंजाब, हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश की लगभग 200 महिला किसानों ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर पर सोमवार को ‘किसान संसद’ का आयोजन किया. महिला किसानों ने नारेबाजी की और पिछले वर्ष केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों कृषि कानूनों को रद्द किए जाने की मांग की. इस दौरान इन्होंने कहा कि यह आंदोलन सिर्फ पुरुषों का नहीं है. सोमवार की ‘किसान संसद’ में आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम पर ध्यान केंद्रित किया गया. किसानों ने एक ऐसा कानून बनाने की मांग की, जो न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देता हो. कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन के तहत ‘किसान संसद’ का आयोजन किया जा रहा है. ‘किसान संसद’ के तहत दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे किसान जंतर-मंतर पर एकत्र होते हैं और कृषि कानूनों के खिलाफ अपनी आवाज उठाते हैं. इस समय संसद का मानसून सत्र भी चल रहा है.More Related News