![किसान ने प्याज के ढेर में ली 'समाधि', केंद्र सरकार के इस फैसले से है नाराजगी... Video](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202312/2_12-sixteen_nine.jpg)
किसान ने प्याज के ढेर में ली 'समाधि', केंद्र सरकार के इस फैसले से है नाराजगी... Video
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किसानों का मकसद सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाना है. दरअसल, केंद्र सरकार की ओर से प्याज के निर्यात पर कई दिनों से प्रतिबंध लगा हुआ है. इसकी वजह से किसानों को अपनी फसल के उचित दाम नहीं मिल पा रहे हैं. यही वजह है कि देशभर के किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
गुजरात के राजकोट से किसानों के विरोध प्रदर्शन की अनोखी तस्वीर सामने आ रही हैं. यहां धोरजी में किसानों ने अपने ही खेत में प्याज समाधि लेकर प्रदर्शन किया. उनका मकसद सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाना है. दरअसल, केंद्र सरकार की ओर से प्याज के निर्यात पर कई दिनों से प्रतिबंध लगा हुआ है.
प्याज का निर्यात बंद करने की वजह से उसके दाम गिर गए हैं. ऐसे में किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. लिहाजा, गुजरात सहित पूरे भारत में किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि हमने बड़ी उम्मीद के साथ प्याज की फसल लगाई थी.
मगर, सरकार की ओर से निर्यात पर रोक लगने से किसानों को सही दाम नहीं मिल रहा है. माल खरीदने की बात तो दूर, व्यापारी प्याज की ओर देखने के लिए भी तैयार नहीं हैं. ऐसे में किसानों के पास विरोध करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा है.
किसानों की सिर्फ एक ही मांग है कि केंद्र सरकार प्याज निर्यात पर लगी रोक हटाए, ताकि उनको अपनी फसल का सही दाम मिल सके और वे अपना खर्च निकाल सकें. बताते चलें कि प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगने से पहले किसानों को प्रति क्विंटल लगभग 4500 रुपये मिल रहे थे. मगर, 8 दिसंबर को निर्यात प्रतिबंध के बाद किसानों को अब करीब आधी कीमत यानी 2400 रुपये प्रति क्विंटल के आस-पास ही मिल रहे हैं.
यह प्रतिबंध मार्च 2024 तक लगा रहेगा. उधर, भारत सरकार की ओर से प्याज के निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंध के बाद से कई पड़ोसी देश प्याज की कमी से जूझ रहे हैं. बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, श्रीलंका और मालदीव में प्याज की कीमत आसमान छू रही है.
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