
किसान आंदोलन के छह महीने पूरे होने पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने मनाया "काला दिन"
BBC
नए कृषि क़ानूनों के विरोध में दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर डटे किसान आज आंदोलन के छह महीने पूरे होने के मौके पर देश भर में 'काला दिवस' मना रहे हैं.
केंद्र सरकार के तीन नए कृषि क़ानूनों के विरोध में दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर डटे किसान आज आंदोलन के छह महीने पूरे होने के मौक़े पर देश भर में 'काला दिवस' मना रहे हैं. भारतीय किसान यूनियन के नेता और इस आंदोलन के प्रमुख चेहरों में से एक राकेश टिकैत ने इस मौक़े पर आज सुबह कहा था, "हम काले झंडे के साथ ही तिरंगा भी थामे हुए हैं. हमें प्रदर्शन करते पूरे छह महीने हो गए हैं लेकिन सरकार हमारी सुन नहीं रही. इसलिए किसानों ने काले झंडे लिए हैं. पूरी शांति के साथ हम अपना यह विरोध-दिवस मनाएंगे. हम कोविड के नियमों का भी पालन कर रहे हैं. कोई भी प्रदर्शन स्थल पर नहीं जा रहा. जो जहां है वहीं से प्रदर्शन में हिस्सा ले रहा है." देर शाम किसान मोर्चा की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, "संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के विरोध प्रदर्शन ने अपने ऐतिहासिक संघर्ष के छह महीने पूरे कर लिये हैं. यह विरोध अभूतपूर्व शैली से चल रहा है और किसान अब भी अपनी माँगों (नए कृषि क़ानून रद्द करने और एमएसपी) पर क़ायम हैं. आज के दिन को काला-दिवस के रूप में मनाने का फ़ैसला किया गया था जिसमें आंदोलन स्थल से लेकर सोशल मीडिया के माध्यम से भी लाखों की संख्या में लोगों ने अपना समर्थन ज़ाहिर किया." किसान मोर्चा ने अपने बयान में कहा है कि "सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर जैसे विरोध स्थलों पर मोदी सरकार के पुतले जलाए गए. ट्रॉलियों और टेंटों पर काले झंडे लगाए गए. पूरे भारत के किसानों ने इस आह्वान को अपना समर्थन दिया और एकजुटता प्रदर्शित की." इस आह्वान में सिर्फ़ दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों ने ही हिस्सा नहीं लिया बल्कि पंजाब, राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में भी कई जगहों पर काला दिन मनाया गया.More Related News