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किसान आंदोलन का विपक्ष ने किया समर्थन, कृषि मंत्री ने कहा- सरकार फिर बातचीत को तैयार
The Wire
केंद्र के तीन नए कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ बीते छह महीनों से किसान दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं. सरकार और किसानों के बीच अब तक 11 दौर की बातचीत हुई है, लेकिन गतिरोध बना हुआ है. किसान संगठन तीनों नए कृषि क़ानूनों को रद्द करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देने वाले क़ानून की अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं.
नई दिल्ली: केंद्र और आंदोलनकारी किसानों की वार्ता जनवरी से ही रुकी होने के बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बीते बुधवार को कहा कि सरकार किसानों के साथ बातचीत फिर से शुरू करने के लिए तैयार है, लेकिन किसान संगठन तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देने वाले कानून की अपनी मांगों पर अड़े रहे. खेत-देश की रक्षा मेंतिल-तिल मरे हैं किसानपर ना डरे हैं किसानआज भी खरे हैं किसान।#500DeathsAtFarmersProtest गतिरोध के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी तथा शिरोमणि अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने सवाल उठाया कि केंद्र सरकार किसानों के साथ बातचीत क्यों नहीं कर रही है. उधर कांग्रेस ने प्रदर्शनकारी किसानों की मांग स्वीकार किए जाने की वकालत की. — Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 9, 2021 सरकार और किसान यूनियनों ने गतिरोध खत्म करने और किसानों के विरोध प्रदर्शन को समाप्त करने के लिए 11 दौर की बातचीत की है, जिसमें आखिरी वार्ता 22 जनवरी को हुई थी. जनवरी के बाद से बातचीत नहीं हुई है. बुधवार को मंत्रिमंडल की ब्रीफिंग में तोमर ने कहा, ‘जब भी किसान चर्चा चाहेंगे, भारत सरकार चर्चा के लिए तैयार रहेगी, लेकिन हमने बार-बार उनसे तर्क के साथ प्रावधानों संबंधी आपत्तियों पर अपनी बात रखने को कहा है. हम सुनेंगे और समाधान ढूंढ़ेंगे.’More Related News