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किसान आंदोलन:आंसू गैस के गोले,नुकीले तार,हिंसा,6 महीने की 6 बातें
The Quint
Framers Protest 6 months black day: दिल्ली के अलग-अलग बॉर बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के 26 मई 2021 को 6 महीने पूरे हो गए हैं. संयुक्त किसान मोर्चे ने आज ‘काला दिवस’ मनाने का ऐलान किया है.
26 नवंबर 2020 एक तरफ देश संविधान दिवस मना रहा था, दूसरी तरफ हजारों किसान दिल्ली की सरहदों पर डंडे, आंसू गैस के गोले, पानी की बौछार का सामना कर रहे थे. किसानों को रोकने के लिए कहीं रास्ते खोद दिए गए तो कहीं लोहे के बैरिकेड लगा दिए गए. तीन कृषि कानून को वापस लेने की मांग कर रहे किसानों का जब रास्ता रोका गया तो वो दिल्ली की सरहदों पर ही जम गए. ऐसा जमे कि 6 महीने का वक्त पूरा हो गया, लेकिन टस से मस नहीं हुए.दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के 26 मई 2021 को 6 महीने पूरे हो गए हैं.आइए आपको इन 6 महीने में क्या-क्या हुआ और कैसे हुआ इसे समझने के लिए कुछ पुराने पन्ने पलटते हैं.काला दिवसकिसान आंदोलन की अगुवाई कर रही संयुक्त किसान मोर्चे ने आज 'काला दिवस' मनाने का ऐलान किया है. किसान संगठन देशभर में काला झंडा लगाकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इस विरोध प्रदर्शन को करीब दर्जन भर विपक्षी पार्टियों का भी साथ मिला है.किसानों ने सभी देशवासियों से समर्थन मांगते हुए अपने घर और गाड़ियों पर काला झंडा लगाने और मोदी सरकार के पुतले जलाने की भी अपील की है.मोदी सरकार के 7 साल पूरे26 मई 2021को किसान आंदोलन को 6 महीने पूरे हो रहे हैं, वहीं नरेंद्र मोदी सरकार के 7 साल भी आज ही पूरे हुए हैं. हालांकि सरकार कोरोना को देखते हुए कोई कार्यक्रम नहीं कर रही. लेकिन किसानों के विरोध का सामना जरूर करना पड़ रहा है.इन 6 महीनों के दौरान किसान संगठन सरकार और मोदी सरकार के बीच 11 बार बातचीत हुई, लेकिन वो भी किसी नतीजे पर नहीं पहुंची. 20 मई को राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने केंद्र सरकार से फिर से बातचीत की शुरुआत करने को कहा है. इस संगठन ने बुधवार को केंद्र से कहा, ‘‘हमारे धैर्य की परीक्षा न लें, बातचीत की शुरुआत करें और हमारी मांगों को मान लें.’’26 नवंबर 2021, कहानी बदल गईअगर देखा जाए तो किसानों का आंदोलन 26 नवंबर से शुरू नहीं हुआ था. इसके शोले संसद में कृषि कानून पास होने के साथ ही उठ चुके थे. सितंबर 2020 में ही पंजाब में किसानों ने नए कृषि कानून के खिलाफ आवाज उठाना शुरू कर दिया था. दिसके बाद 14 अक्टूबर को केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने किसानों को बैठक के लिए बुलाया था, लेकिन बैठक में कृषि मंत्री शामिल नहीं हुए, जिसक...More Related News