
किसानों ने कृषि क़ानून पर बातचीत शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा
The Wire
किसानों ने पत्र में चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार 25 मई तक बातचीत नहीं शुरू करती है तो आंदोलन को और तेज़ किया जाएगा. 26 मई को आंदोलन के छह महीने पूरे होने पर किसानों ने ‘काला दिवस’ मनाने की घोषणा की है. किसानों और सरकार के बीच 11 दौर की वार्ता हो चुकी है. 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद से यह बातचीत बंद है.
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संगठन संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने बीते शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर तीन कृषि कानूनों पर बातचीत फिर से शुरू करने का आग्रह किया. किसान पिछले साल नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं. पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश सहित देश के विभिन्न हिस्से से हजारों की संख्या में किसान दिल्ली के तीन सीमा बिंदुओं- सिंघू, टिकरी और गाजीपुर में करीब छह महीने से धरना दे रहे हैं. वे तीन कृषि कानूनों को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं. किसान संगठन ने ये भी कहा है कि अगर सरकार 25 मई तक बातचीत शुरू नहीं करती तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा. 26 मई को दिल्ली में किसान आंदोलन के छह महीने पूरे हो रहे हैं. किसानों और सरकार के बीच 11 दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन वह तीन केंद्रीय कानूनों पर गतिरोध को तोड़ने में विफल रही है. संयुक्त किसान मोर्चा में किसानों के 40 संघ शामिल हैं.More Related News