किम जोंग-उन ने उत्तर कोरिया में विदेशी फ़िल्मों और फटी जीन्स के ख़िलाफ़ क्यों छेड़ी जंग
BBC
उत्तर कोरिया ने हाल ही में एक नया क़ानून लागू किया है जिसके तहत विदेशी फ़िल्में, कपड़े या गालियाँ देने तक पर कड़ी सज़ा हो सकती है.
उत्तर कोरिया ने हाल ही में एक नया क़ानून लागू किया है जिसके तहत विदेशी फ़िल्में, कपड़े या गालियाँ देने तक पर कड़ी सज़ा हो सकती है. मगर क्यों? यून मी-सो कहती हैं वो तब 11 साल की थीं जब उन्होंने पहली बार एक व्यक्ति को मौत की सज़ा दिए जाते देखा क्योंकि उन्हें दक्षिण कोरिया के एक ड्रामे का वीडियो पास रखने के लिए पकड़ा गया था. इलाक़े के सारे लोगों को फ़रमान जारी किया गया था कि वो इस सज़ा को देखें. सरकार सबको ये स्पष्ट कर देना चाहती थी कि अवैध वीडियो रखने की सज़ा क्या है. दक्षिण कोरिया की राजधानी सोल में अपने घर से उन्होंने बीबीसी को बताया, "ऐसा नहीं करने पर इसे देशद्रोह समझा जाता". "मुझे अच्छी तरह से याद है कि उस व्यक्ति की आँखों पर पट्टी बाँध दी गई, मैं देख सकती थी कि वो रो रहा था. पट्टी पूरी तरह भीग गई थी. मैं ये देख हिल गई. उन्होंने उसे एक लकड़ी के खंभे से बाँधा, और गोली मार दी."More Related News