'कार ड्राइवर मस्तीखोर, उसके मजे की वजह से...', राजेंद्र नगर हादसे में जमानत के विरोध में बोली दिल्ली पुलिस
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राजेंद्र नगर के कोचिंग सेंटर में हादसे के बाद एक सीसीटीवी फुटेज में यह बात सामने आई कि कोचिंग सेंटर के बाहर पानी से लबालब सड़क से तेज रफ्तार में एक गाड़ी निकली थी. इसके बाद ही कोचिंग सेंटर में पानी घुसना शुरू हुआ था, क्योंकि पानी के प्रेशर से सेंटर का गेट टूट गया था. पुलिस ने वीडियो के आधार पर गाड़ी के ड्राइवर को आरोपी बनाकर गिरफ्तार कर लिया और मंगलवार कोर्ट कोर्ट में पेश किया.
दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र राजेंद्र नगर में बेसमेंट में चल रहे कोचिंग सेंटर में शनिवार को पानी भरने से एक छात्र और दो छात्राओं की मौत हो गई थी. इस हादसे के बाद से दिल्ली पुलिस और दिल्ली नगर निगम का एक्शन लगातार जारी है. अब तक 19 सेंटर्स सील किए गए हैं. वहीं हादसे से पहले कोचिंग सेंटर के बाहर से तेज रफ्तार में गुजरी गाड़ी के ड्राइवर को भी पुलिस ने गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश किया, जहां दिल्ली पुलिस ने आरोपी की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि कार ड्राइवर मस्तीखोर है और उसके मजे की वजह से हादसा हुआ है. कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है.
दरअसल, हादसे के बाद एक सीसीटीवी फुटेज में यह बात सामने आई कि कोचिंग सेंटर के बाहर पानी से लबालब सड़क से तेज रफ्तार में एक गाड़ी निकली थी. इसके बाद ही कोचिंग सेंटर में पानी घुसना शुरू हुआ था, क्योंकि पानी के प्रेशर से सेंटर का गेट टूट गया था. पुलिस ने वीडियो के आधार पर गाड़ी के ड्राइवर को आरोपी बनाकर गिरफ्तार कर लिया और मंगलवार कोर्ट कोर्ट में पेश किया. वहीं आरोपी की तरफ से कोर्ट से जमानत मांगी गई, जिसका दिल्ली पुलिस ने विरोध किया.
'संस्था ही दोषी, तीसरे पक्ष को आरोपी कैसे बनाया जा सकता है?'
दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी दलीलें रखीं. इस दौरान आरोपी के वकील ने दलील दी कि वह बस कार चला रहा था. ऐसी स्थिति में कार चलाना मुश्किल होता है, जबकि उनका (पुलिस) कहना है कि कार इतनी तेज गति से चली. वे उसे मुख्य आरोपी और मुख्य अपराधी बनाने की कोशिश कर रहे हैं. मेरे पास क्या विकल्प था? क्या मुझे हर दरवाजे पर दस्तक देकर पूछना चाहिए था कि क्या मैं अपनी कार वहां से ले जा सकता हूं? उनके हिसाब से यहां तेज स्पीड से कार चलाना अपराध है. क्या उन्होंने मुझे लापरवाही से गाड़ी चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया? नहीं. लोग उम्मीद कर रहे हैं कि सही अपराधी पकड़ा जाएगा. अब उम्मीद कोर्ट से है. संस्था ही दोषी है. किसी तीसरे पक्ष को आरोपी कैसे बनाया जा सकता है? एमसीडी अधिकारियों को नोटिस जारी किया गया है. मुझे नोटिस क्यों नहीं दिया गया?
आरोपी गवाहों को प्रभावित कर सकता है: पुलिस
वहीं दिल्ली पुलिस ने विरोध करते हुए कहा कि मामला अभी बहुत शुरुआती चरण में है. जब भी हम जलभराव देखते हैं, तो हम अपने वाहनों की गति धीमी कर देते हैं. लेकिन आरोपी ने ऐसा नहीं किया. उसने सोचा होगा मेरा तो कुछ नहीं जाएगा. उसने ब्रेक नहीं लगाया. लहरों को देखो (वीडियो में). अगर वह वहीं रुक जाता, तो लहरें नहीं उठतीं. वह स्थानीय है. वह अन्य लोगों को प्रभावित कर सकता है, जो कमज़ोर गवाह हैं.
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