कार्बन कटौती पर बातचीत में तेल उद्योग के लोग सबसे ज़्यादा क्यों
BBC
पर्यावरण कार्यकर्ता तेल और गैस उद्योग से जुड़े लोगों के जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में होने पर आपत्ति क्यों जताते हैं.
ग्लासगो में हुए संयुक्त राष्ट्र के 26वें जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में किसी भी एक देश के प्रतिनिधिमंडल के मुक़ाबले तेल उद्योग से प्रतिनिधि ज़्यादा संख्या में मौजूद थे.
ग्लोबल विटनेस के नेतृत्व वाले जलवायु संकट पर काम करने वाले समूहों ने सम्मेलन में भाग वालों की संयुक्त राष्ट्र की सूची के अध्ययन के आधार पर इस संख्या का पता लगाया है.
इस अध्ययन के मुताबिक जीवाश्म ईंधन उद्योग से जुड़े 503 लोगों को जलवायु सम्मेलन में शामिल होने की स्वीकृति दी गई थी. ईंधन उद्योग का मतलब कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस और कच्चे तेल आदि से जुड़े उद्योगों से है.
इन प्रतिनिधियों एजेंडा तेल और गैस उद्योग की पैरवी (लॉबी) करना है. पर्यावरण कार्यकर्ता इन्हें प्रतिबंधित करने की मांग करते हैं.
तेल और गैस उद्योग से जुड़े लोगों का जलवायु सम्मेलन में होना इसलिए अहम जाता है क्योंकि जलावयु संकट से निपटने के लिए कार्बन उत्सर्जन घटाने पर ज़ोर दिया जा रहा है.